घरेलू चीनी मिलों का मुनाफा पेराई सीजन 2015-16 में बेहतर रहने की
संभावना है। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने आज अपने अध्ययन में यह बात कही। इक्रा
का अनुमान है कि चीन वर्ष 2016 में घरेलू चीनी का उत्पादन करीब 252 लाख टन
रहेगा, जो पिछले साल से 11 फीसदी कम है। कम उत्पादन और करीब 16 लाख टन
चीनी के निर्यात से चीनी वर्ष 2016 के अंत में 76 लाख टन चीनी का स्टॉक
बचने के आसार हैं, जबकि चीनी वर्ष 2015 के अंत में 95 लाख टन चीनी का स्टॉक
बचा था। हालांकि चीनी वर्ष 2017 में उत्पादन का अभी अनुमान लगाना थोड़ी
जल्दबाजी होगी। लेकिन गन्ने की बुआई और मॉनसून के स्तर के आधार पर रेटिंग
एजेंसी ने कहा है कि चीनी वर्ष 2017 में उत्पादन 4 से 8 फीसदी गिरकर 230 से
240 लाख टन रहेगा।
इक्रा के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सव्यसाची मजूमदार ने कहा, 'हमारा अनुमान है
कि अगस्त 2015 से चीनी की कीमतों में सुधार के रुझान और स्टॉक की मात्रा
में कमी आने से अगली 2 से 3 तिमाहियों में चीनी मिलों का मुनाफा बेहतर
रहेगा। सभी मिलों में मुनाफे में सुधार अलग-अलग रहेगा। स्टॉक घटने से चीनी
की कीमतों में सुधार आया है। चीनी के दाम अगस्त 2015 से लगातार बढ़ रहे
हैं। इसमें कई कारकों का योगदान रहा है, जिनमें सितंबर 2015 में अनिवार्य
निर्यात की सरकारी अधिसूचना, दिसंबर 2015 में गन्ना उत्पादन सब्सिडी, कुछ
अहम उत्पादक क्षेत्रों में सूखे के चलते बाजार में आपूर्ति घटने के आसार
आदि शामिल हैं।
इन कारकों की बदौलत चीनी के दाम मई 2016 तक 3,4000 रुपये प्रति टन पर
पहुंच गए, जो जुलाई 2015 के स्तर से करीब 50 फीसदी अधिक हैं। मजूमदार ने
कहा, 'चीनी वर्ष 2016 में आपूर्ति घटने और आगे भी उत्पादन में गिरावट के
आसार की वजह से निकट भविष्य में चीनी की कीमतें मजबूत रहेंगी। अगली 2 से 3
तिमाहियों में कीमतों में बढ़ोतरी कई कारकों पर निर्भर करेगी, जिनमें चीनी
वर्ष 2017 में चीनी उत्पादन के अनुमान अहम होगा।' दूसरी ओर कीमत नियंत्रण
पर सरकार के कदम उठाने या आयात शुल्क में अहम कटौती से कीमतों में गिरावट
आएगी। (BS Hindi)
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