आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 6 जून से 12 जून के दौरान देष से कपास के निर्यात में जरुर कमी आई है लेकिन घरेलू यार्न मिलों की अच्छी मांग के कारण अभी भाव में और तेजी आने का अनुमान है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव 39,700 से 40,200 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए।
सरकारी सूत्रों के अनुसार 6 मई से 12 मई के दौरान देष से 0.526 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का ही निर्यात हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 0.619 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। इस दौरान कपास का सबसे ज्यादा निर्यात बंगलादेष को 0.347 लाख गांठ का हुआ है। इसके अलावा वियतनाम और पाकिस्तान ने आयात किया है।
सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है। उद्योग के अनुसार चालू खरीफ में मानसूनी बारिष अच्छी होने के साथ ही पिछले साल बीमारी से फसल को नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से किसान कपास के बजाए अन्य फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं।.....................आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू महीने के दूसरे सप्ताह 6 जून से 12 जून के दौरान देष से कपास के निर्यात में जरुर कमी आई है लेकिन घरेलू यार्न मिलों की अच्छी मांग के कारण अभी भाव में और तेजी आने का अनुमान है। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव 39,700 से 40,200 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गए।
सरकारी सूत्रों के अनुसार 6 मई से 12 मई के दौरान देष से 0.526 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) का ही निर्यात हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 0.619 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। इस दौरान कपास का सबसे ज्यादा निर्यात बंगलादेष को 0.347 लाख गांठ का हुआ है। इसके अलावा वियतनाम और पाकिस्तान ने आयात किया है।
सूत्रों के अनुसार चालू खरीफ में कपास की बुवाई पिछले साल की तुलना में कम होने की आषंका है। उद्योग के अनुसार चालू खरीफ में मानसूनी बारिष अच्छी होने के साथ ही पिछले साल बीमारी से फसल को नुकसान हुआ था, जिसकी वजह से किसान कपास के बजाए अन्य फसलों की बुवाई को प्राथमिकता दे रहे हैं।.....................आर एस राणा
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