भारत ने अगले
पांच साल के लिए मोजांबिक से न्यूनतम समर्थन मूल्य और अतिरिक्त परिवहन
लागत पर अरहर की दाल खरीदने की पेशकश की है। देश में लगातार दो साल से सूखे
के कारण उत्पादन घटने के बीच घरेलू बाजार में दाल की कीमत 198 रुपये प्रति
किलोग्राम पर पहुंच गई है। सूत्रों के मुताबिक भारत ने मोजांबिक सरकार से
कहा है कि क्या वह दोनों सरकारों के बीच अनुबंध के आधार पर अगले पांच साल
के लिए अरहर की दाल की आपूर्ति कर सकती है। उन्होंने कहा कि भारत ने
न्यूनतम समर्थन मूल्य और परिवहन एवं ढुलाई लागत के आधार पर अरहर की दाल
खरीदने की पेशकश की है। मोजांबिक को इस संबंध में एक प्रस्ताव का मसौदा पेश
किया जा चुका है। अरहर की दाल का न्यनूतम समर्थन मूल्य 5,050 रुपये
प्रति क्विंटल तय किया गया है जिसमें फसल वर्ष 2016-17 (जुलाई-जून) के लिए
200 रुपये का बोनस शामिल है। उपभोक्ता मामलों के सचिव हेम पांडे की
अध्यक्षता वाले भारतीय दल ने हाल ही में मोजांबिक का दौरा किया ताकि अरहर
की दाल की आपूर्ति पर दीर्घकालिक समझौते पर वार्ता की जा सके। इस यात्रा के
बाद पांडे ने कहा, 'शिष्टमंडल दीर्घकालिक समाधान के साथ लौटा है। अंतिम
दस्तावेज को मोजांबिक सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है। भारत सरकार को
जल्द से जल्द जवाब मिलने की उम्मीद है।' मोजांबिक में करीब 70,000 टन दाल
का उत्पादन होता है जिसमें ज्यादातर अरहर और कुछ उड़द शामिल है। वहां
उत्पादित पूरी दाल का निर्यात भारत और विश्व के अन्य हिस्सों में प्रवासी
भारतीयों की मांग पूरी करने के लिए किया जाता है। (BS Hindi)
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