केंद्र के बफर स्टॉक
से दाल लेने का ऑर्डर अब तक सिर्फ 7 राज्यों ने दिया है। ताज्जुब ये है कि
सस्ती दाल देने की मोदी सरकार की कोशिश में वो राज्य भी साथ नहीं दे रहे
जहां बीजेपी की सरकार है। केंद्र सरकार ने दालों का बफर स्टॉक तो बना लिया
है, लेकिन इसका फायदा कम कीमतों के रूप में कंज्यूमर्स को नहीं मिल रहा है।
वजह है, ज्यादातर राज्य सरकारों की सुस्ती। जानकारी के मुताबिक अभी तक
सिर्फ 7 राज्यों आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य
प्रदेश, छत्तीसगढ़ और अंडमान-निकोबार ने बफर स्टॉक से दाल मंगाई है। इन
राज्यों को उनकी मांग के हिसाब से 8200 टन अरहर और 2000 टन उड़द दालें भेजी
गई हैं। हालांकि ये खड़ी दाल है, और राज्यों को करीब 66 रुपये प्रति किलो
के सब्सिडाइज दर पर यह मुहैया कराई जा रही है। साथ में केंद्र का कहना है
कि इनकी मिलिंग के बाद इसे 120 रुपये किलो में बेचा जा सकता है। लेकिन कुछ
चुनिंदा राज्यों को छोड़ कर बाकी तमाम राज्य इन दालों को खरीदने में
दिलचस्पी नहीं दिखा रहे हैं। गौर करने वाले बात ये है कि केंद्र की दाल ऐसे
राज्यों में भी नहीं गल रही जहां बीजेपी की सरकार है। झारखंड जैसे कुछ
राज्यों की दलील है कि उनके पास दालों की प्रोसेसिंग के लिए मिलें नहीं
हैं। वहीं कुछ राज्यों का कहना है कि केंद्र से मिल रही कीमत पर दालें खरीद
कर उसे बाजार में 120 रुपये के भाव पर बेचना मुमकिन नहीं है क्योंकि
प्रोसेसिंग और ट्रांसपोर्टेशन का खर्च मिलाने पर दाल की कीमत बढ़ जाती है।
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें