आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी में इस समय निर्यातकों की मांग तो अच्छी है लेकिन घरेलू मसाला कंपनियों की मांग कम है जिससे भाव स्थिर बने हुए हैं। जुलाई में रमजान समाप्त होने के बाद निर्यात मांग में और तेजी आने के साथ ही घरेलू मांग भी हल्दी में बढ़ेगी जिससे भाव में 500 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 8,500 रुपये और इरोड़ मंडी में 7,800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
जानकारों के अनुसार इस समय हल्दी का करीब 40 से 42 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी। अतः नई फसल तक करीब 25 से 27 लाख बोरी हल्दी की खपत हो जायेगी तथा नई फसल के समय बकाया स्टॉक करीब 15 लाख बोरी का बचेगा जोकि पिछले साल की तुलना में कम है। हल्दी के उत्पादक राज्यों में मानूसनी बारिष षुरु हो चुकी है लेकिन हल्दी के उतपादक क्षेत्रों में अभी तक बारिष सामान्य से कम हुई है जिससे बुवाई की गति में तेजी नहीं आ रही है। हल्दी का बुवाई का सीजन मध्य जुलाई तक चलेगा। ऐसे में अगर उत्पादक क्षेत्रों में बारिष की कम रही हो मौजूदा कीमतों में और ज्यादा तेजी बन सकती है। वैसे भी हल्दी का स्टॉक किसानों के बजाए स्टॉकिस्टों के पास ज्यादा है तथा स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
प्रमुख उत्पादक मंडी इरोड़ में हल्दी का स्टॉक करीब 12 लाख बोरी है जबकि निजामाबाद में 6 लाख बोरी है जोकि पिछले साल की तुलना में कम है। इरोड मंडी में सीजन के षुरु से 17 जून तक 4,88,700 बोरी हल्दी की आवक हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7,91,500 बोरी की हुई थी। ......आर एस राणा
चालू महीने के दूसरे सप्ताह 6 जून से 12 जून के दौरान हल्दी का निर्यात 2,754 टन का हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 3,345 टन का हुआ था। विष्व बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो था।
नई दिल्ली। हल्दी में इस समय निर्यातकों की मांग तो अच्छी है लेकिन घरेलू मसाला कंपनियों की मांग कम है जिससे भाव स्थिर बने हुए हैं। जुलाई में रमजान समाप्त होने के बाद निर्यात मांग में और तेजी आने के साथ ही घरेलू मांग भी हल्दी में बढ़ेगी जिससे भाव में 500 से 700 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आने का अनुमान है। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 8,500 रुपये और इरोड़ मंडी में 7,800 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।
जानकारों के अनुसार इस समय हल्दी का करीब 40 से 42 लाख बोरी (एक बोरी-70 किलो) का स्टॉक बचा हुआ है जबकि नई फसल की आवक फरवरी महीने में बनेगी। अतः नई फसल तक करीब 25 से 27 लाख बोरी हल्दी की खपत हो जायेगी तथा नई फसल के समय बकाया स्टॉक करीब 15 लाख बोरी का बचेगा जोकि पिछले साल की तुलना में कम है। हल्दी के उत्पादक राज्यों में मानूसनी बारिष षुरु हो चुकी है लेकिन हल्दी के उतपादक क्षेत्रों में अभी तक बारिष सामान्य से कम हुई है जिससे बुवाई की गति में तेजी नहीं आ रही है। हल्दी का बुवाई का सीजन मध्य जुलाई तक चलेगा। ऐसे में अगर उत्पादक क्षेत्रों में बारिष की कम रही हो मौजूदा कीमतों में और ज्यादा तेजी बन सकती है। वैसे भी हल्दी का स्टॉक किसानों के बजाए स्टॉकिस्टों के पास ज्यादा है तथा स्टॉकिस्ट नीचे भाव में बिकवाली नहीं कर रहे हैं।
प्रमुख उत्पादक मंडी इरोड़ में हल्दी का स्टॉक करीब 12 लाख बोरी है जबकि निजामाबाद में 6 लाख बोरी है जोकि पिछले साल की तुलना में कम है। इरोड मंडी में सीजन के षुरु से 17 जून तक 4,88,700 बोरी हल्दी की आवक हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7,91,500 बोरी की हुई थी। ......आर एस राणा
चालू महीने के दूसरे सप्ताह 6 जून से 12 जून के दौरान हल्दी का निर्यात 2,754 टन का हुआ है जबकि इसके पहले सप्ताह में 3,345 टन का हुआ था। विष्व बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसका भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें