देश में इस साल प्याज कंज्यूमर को
नहीं बल्कि किसानों को रूला रहा है। महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी हो या
दिल्ली की आजादपुर सभी जगह प्याज की कीमत जमीन पर आ गई है। चिंता की बात ये
है कि आने वाले दिनो में भी हालात सुधरते नहीं दिख रहे। दिल्ली की
आजादपुर मंडी में जहां प्रतिदिन 15 सौ टन प्याज की आवक हो रही है। हरियाणा,
पंजाब, राजस्थान और मध्यप्रदेश से ज्यादातर किसान खुद इस मंडी में प्याज
बेचने आ रहे है। आजादपुर मंडी में प्याज बेचने के लिए ये किसान 8 सौ
किलोमीटर दूर मध्य प्रदेश तक से आए हैं। इन्हीं किसानों में एक हैं देवी
सिंह जो करीब 7 बीघा जमीन में प्याज की खेती करते हैं। लेकिन जब वो अपनी
पैदावार बेचने यहां पहुंचे तो दाम सुनकर उन्हें बड़ा झटका लगा। दरअसल,
पिछले साल महंगी प्याज को देखकर किसानों ने इतनी प्याज उगा ली कि अब उसे
खरीदने वाला कोई नहीं है। किसानों की बढ़ती मुसीबतों को देख केंद्र सरकार
ने किसानों से प्याज खरीदने की घोषणा की। नेफेड और एसएफएसी के जरिए अभी तक
20 हजार टन प्याज की सरकारी खरीद हो भी चुकी है। साथ में सरकार ने प्याज
के एक्सपोर्ट से बैन भी हटा दिया है। लेकिन जानकारों को लगता है कि सरकार
के ये कदम नाकाफी हैं। एक साल आसमान पर दाम और उसके अगले ही साल कौड़ियों
के भाव प्याज बेचने की मजबूरी। प्याज के किसानों की ये दास्तान कोई नहीं
है और कभी किसानों को तो कभी कंज्यूमर के आंसू निकलते रहते हैं। लेकिन शायद
सरकार के पास ना तो नीति है और ना नीयत कि वो किसान और कंज्यूमर दोनों का
दर्द दूर करने की कोशिश करे।
01 जून 2016
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