कुल पेज दृश्य

12 सितंबर 2015

खरीफ दालों की आवक बढ़ने से भाव में नरमी की संभावना


आर एस राणा
नई दिल्ली। फसल सीजन 2014-15 में देष में दलहन की पैदावार में कमी आई थी। हालांकि चालू खरीफ सीजन में दलहन की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है लेकिन प्रमुख उत्पाक राज्यों में अगस्त से अभी तक बारिष सामान्य से काफी कम हुई है जिसका असर खरीफ की आने वाली दालों की पैदावार पर पड़ने की आषंका है। यही कारण है कि दालों की कीमतों में तेजी आई। प्रमुख उत्पादक राज्यों की मंडियों मंें उड़द और मूंग की आवक षुरु हो गई है, साथ ही केंद्र सरकार सार्वजनिक कपंनियों के माध्यम से दलहन का आयात बढ़ा रही है जिससे सप्ताह के आखिर में भाव में दालों के भाव में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी दर्ज की गई। नई अरहर की आवक दिसंबर-जनवरी में बनेगी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दलहन की बुवाई बढ़कर 110.08 लाख हैक्टेयर में हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 99.14 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में दालों की पैदावार घटकर 172 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले फसल सीजन 2013-14 में दालों का उत्पादन 192.5 लाख टन का हुआ था।
अरहर - सरकारी एजेंसियों द्वारा दालों का आयात बढ़ाने के साथ ही उंचे भाव में मिलों की मांग कम होने से सप्ताह के आखिर में अरहर की कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी देखी गई। छत्तीसगढ़ की मुंगाली  मंडी में अरहर के भाव 9,200 रुपये, गुजरात की जूनागढ़ मंडी में 7,500 से 9,325 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
उत्पादक राज्यों में अरहर की नई फसल की आवक दिसंबर-जनवरी में बनेगी। आयातित लेमन अरहर का भाव मुंबई में 1,490 डॉलर प्रति टन रहा।
उड़द-प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्य प्रदेष और आंध्रप्रदेष में उड़द की नई फसल की आवक षुरु होने से कीमतें में आंषिक गिरावट दर्ज की गई। गुजरात अकी जूनागढ़ मंडी में उड़द के भाव 7,710 से 8,890 रुपये, उड़ीसा की ठवदंप मंडी में 4,425 से 8,000 रुपये प्रति क्विंटल रहे। आंधप्रदेष की ।ककंदाप मंडी में उड़द के भाव 8,750 से8,800 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
आगामी दिनों में उत्पादक राज्यों की मंडियों में उड़द की दैनिक आवक और बढ़ने का अनुमान है। उड़द की पैदावार खरीफ के साथ ही रबी सीजन में भी होती है। हालांकि प्रमुख फसल खरीफ सीजन में ही आती है। म्यांमार से आयातित एफएक्यू उड़द के भाव मुंबई में 1,230 डॉलर और एसक्यू के भाव 1,350 डॉलर प्रति टन रहे।
मूंग - प्रमुख उत्पादक राज्यों राजस्थान, मध्य प्रदेष, गुजरात और महाराष्ट्र की मंडियों में नई मूंग की दैनिक आवक षुरु होने से सप्ताह के आखिर में इसकी कीमतों में 200 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई। राजस्थान की रानी मंडी में मूंग के भाव 6,700 से 7,100 रुपये, उड़ीसा की जालेष्वर मंडी में 6,000 से 6,200 रुपये, गुजरात की हाल्वेद मंडी में 5,500 से 6,660 रुपये और आंध्रप्रदेष की ।ककंदाप  मंडी में 6,450 से 6,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
उत्पादक राज्यों की मंडियों में आगामी दिनों में मूंग की दैनिक आवक बढ़ेगी जिससे मौजूदा कीमतों में गिरावट आने की आषंका है। मूंग का उत्पादन खरीफ के साथ ही रबी सीजन में भी होती है। हालांकि रबी के मुकाबले खरीफ सीजन में मूंग की पैदावार ज्यादा होती है। मुंबई में आयातित मूंग के भाव 1,040 से 1,240 डॉलर प्रति टन क्वालिटीनुसार रहे।
चना - उंचे भाव में मिलों की मांग कम होने से सप्ताह के आखिर में चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। आंध्रप्रदेष की जम्मालमुडंगी मंडी में चना के भाव सप्ताह के आखिर में घटकर 4,000 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे गए। झारखंड की रांची मंडी में चना के भाव 4,400 से 5,225 रुपये, तमिलनाडु की उड़मपलेट मंडी में भाव 5,000 से 5,400 रुपये और उत्तर प्रदेष की मिर्जापुर मंडी में 5,050 से 5,140 रुपये प्रति क्विंटल रहे गए।
उंची कीमतों में मांग कम होने से चना की कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। सप्ताह के आखिर में इसके भाव करीब 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई। हालांकि उत्पादक राज्यों में चना का स्टाक कम होने से दैनिक आवक पहले की तुलना में कम हो रही है।
चना में दाल एवं बेसन मिलों की मांग अच्छी बनी हुई है। अन्य दालों अरहर, उड़द और मूंग की तुलना में चना की दाल अभी भी सस्ती होने से इसकी खपत अन्य दालों के मुकाबले ज्यादा हो रही है। इसलिए इसकी कीमतों में फिर से सुधार आने का अनुमान है। ऐसे में जिन किसानों के चना का स्टॉक है वह बिकवाली थोड़ा रुक कर करेंगे, भाव में आने वाले और सुधार का लाभ उठा सकेंगे। पैदावार में कमी आने के कारण चालू रबी सीजन में देष में चना की कुल उपलब्धता सालाना खपत से कम है।
आस्ट्रेलिया में चना की नई फसल की आवक चालू महीने के आखिर तक षुरु हो जायेगी तथा अनुकूल मौसम से आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है। अक्टूबर-नवंबर षिपमेंट के 790-800 डॉलर प्रति टन की दर से चना के आयात सौदे हुए है।......आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: