उत्पादक राज्यों में चालू महीने में होने वाली बारिष पर निर्भर होगी चना की बुवाई
आर एस राणा
नई दिल्ली। आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है तथा नई फसल की आवक आस्ट्रेलिया में षुरु हो गई है उम्मीद है अक्टूबर महीने में नई षिपमेंट आनी षुरु हो जायेगी, जिससे घरेलू बाजार में चना की कीमतों में चल रही तेजी, एक बार रुक सकती है। चना की फसल के लिए चालू महीने में होने वाली बारिष काफी अहम है, क्योंकि इस महीने होने वाली बारिष पर बुवाई की तस्वीर साफ होगी। दिल्ली में चना का भाव 4,950 से 4,975 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
अनुकूल मौसम से आस्ट्रेलिया में चना की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है तथा नई फसल की आवक षुरु हो गई है। अक्टूबर में आस्ट्रेलियाई चने की नए खेप भारत पहुंच जायेगी तथा घरेलू बाजार में भाव उंचे होने के कारण आयातक बड़ी मात्रा में आयात सौदे कर रहे हैं ऐसे में आयात बढ़ने से चना की कीमतों में चल रही तेजी, रुकने की उम्मीद है। चना दाल अन्य दालों अरहर, मूंग और उड़द के मुकाबले अभी भी सस्ती है जिससे इसकी खपत ज्यादा हो रही है। चालू वित्त वर्ष 2015-16 के पहले तीन महीनों अप्रैल से जून के दौरान करीब एक लाख टन चना का आयात हो चुका है। नई फसल के आयात सौदे 790 से 800 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं। वित्त वर्ष 2014-15 में देष में 4.19 लाख टन चना का आयात हुआ था जोकि इसके पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 51.8 फीसदी ज्यादा था।
अगस्त महीने में देषभर में हुई कम बारिष का असर चना की बुवाई पर भी पड़ने की आषंका बन गई है। मानसून के लौटने का समय हो गया है ऐसे में चालू महीन में होने वाली बारिष इसके लिए काफी महत्वपूर्ण है, अगर चालू महीने में बारिष कम हुई तो फिर चना के भाव फिर तेज हो जायेंगे। वैसे भी चना की ज्यादातर खेती असिचिंत क्षेत्रफल में ही होती है। महाराष्ट्र की लातूर मंडी में चना के भाव 5,000 रुपये, राज्य की नागपुर मंडी में 5,050 रुपये, अकोला मंडी में 5,025 रुपये और मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में 4,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार चना की पैदावार 71.7 लाख टन होने का अनुमान है जोकि तीसरे आरंभिक अनुमान 75.9 लाख टन से कम है।......आर एस राणा
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