आर एस राणा
नई दिल्ली। प्लांटो की मांग बढ़ने से सोयाबीन की कीमतों में हल्का सुधार देखा गया। मध्य प्रदेष के सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में बारिष होने से सोयाबीन की कटाई प्रभावित हुई है जिससे इसकी कीमतों में सुधार देखा गया। जहां फसल पक कर कटाई के लिए तैयार है वहां हुई तेज बारिष से फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता के साथ ही क्वालिटी प्रभावित होने की आषंका है ऐसे में भाव में थोड़ा और सुधार आ सकता है। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,275 से 3,330 रुपये, राजस्थान की कोटा मंडी में 3,000 से 3,250 रुपये और महाराष्ट्र की लातूर मंडी में 3,310 रुपये प्रति क्विंटल रहे। इंदौर में सोया खली का भाव 29,600 रुपये प्रति टन रहा।
हालांकि इस समय सोया खली में निर्यात मांग काफी कमजोर है लेकिन घरेलू मांग पहले की तुलना में सुधरी है। सोया खली में निर्यात मांग कम होने के कारण सोयाबीन की कीमतों में भारी तेजी की संभावना नहीं है।
उद्योग के अनुमान के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान देष से 35,857 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में सोया खली का निर्यात 1,10,259 टन का हुआ था। सोया खली के निर्यात में सबसे ज्यादा कमी जुलाई-अगस्त महीने में आई है। जुलाई महीने में देष से केवल 928 टन और अगस्त में 768 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है।
भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव अगस्त में घटकर 480 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि जुलाई महीने में इसके भाव 507 डॉलर प्रति टन थे। विष्व बाजार में सोया खली के दाम नीचे बने हुए है जिसका असर भारत से सोया खली के निर्यात पर पड़ रहा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर अभी तक 116.1 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 110.30 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में सोयाबीन की पैदावार घटकर 105.28 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 118.61 लाख टन की हुई थी।....आर एस राणा
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