आर एस राणा
नई दिल्ली। प्लांटो की मांग कम होने से सोयाबीन की कीमतों में गिरावट आई है। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेष और राजस्थान के सोयाबीन उत्पादक क्षेत्रों में अगस्त महीने में बारिष सामान्य से कम काफी कम हुई है जिसकी वजह से सोयाबीन की कीमतों में तेजी तो आई थी लेकिन सोया तेल के साथ ही सोया खली में मांग कम थी जिसकी वजह से भाव में गिरावट दर्ज की गई। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,325 से 3,375 रुपये, राजस्थान की कोटा मंडी में 3,200 से 3,350 रुपये और महाराष्ट्र की लातूर मंडी में 3,450 रुपये प्रति क्विंटल रहे। सोया खली के भाव 30,500 से 30,700 रुपये प्रति टन रहे।
इस समय सोया खली में निर्यात मांग काफी कमजोर है लेकिन घरेलू मांग पहले की तुलना में सुधरी है वैसे भी इस समय उत्पादक राज्यों में सोयाबीन की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है।
उद्योग के अनुमान के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले पांच महीनों अप्रैल से अगस्त के दौरान देष से 35,857 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में सोया खली का निर्यात 1,10,259 टन का हुआ था। सोया खली के निर्यात में सबसे ज्यादा कमी जुलाई-अगस्त महीने में आई है। जुलाई महीने में देष से केवल 928 टन और अगस्त में 768 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है।
भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव अगस्त में घटकर 480 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि जुलाई महीने में इसके भाव 507 डॉलर प्रति टन थे। विष्व बाजार में सोया खली के दाम नीचे बने हुए है जिसका असर भारत से सोया खली के निर्यात पर पड़ रहा है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में सोयाबीन की बुवाई बढ़कर अभी तक 114.17 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 110.30 लाख हैक्टेयर में सोयाबीन की बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में देष में सोयाबीन की पैदावार घटकर 105.28 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 118.61 लाख टन की हुई थी।....आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें