अक्टूबर के मध्य में आयेगी मध्य प्रदेष की नई फसल
आर एस राणा
नई दिल्ली। उंचे भाव में मसाला कंपनियों की मांग कम होने से लालमिर्च की कीमतों में 200 से 250 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट देखी गई। पिछले सप्ताहभर में उत्पादक मंडियों में इसकी कीमतों में 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी आई थी। गुंटूर मंडी में 334 किस्म की लालमिर्च का भाव 10,000 से 11,600 रुपये, तेजा क्वालिटी की लालमिर्च का भाव 11,300 से 11,500 रुपये और फटकी क्वालिटी की लालमिर्च का भाव 7,000 से 9,500 रुपये प्रति क्विंटल रहा। गुंटूर मंडी में लालमिर्च की दैनिक आवक 20,000 बोरी की हुई। खम्मम मंडी में तेजा क्वालिटी की लालमिर्च के भाव 11,400 रुपये प्रति क्विंटल और दैनिक आवक 10,000 बोरी की हुई।
मध्य प्रदेष की लालमिर्च की नई फसल की आवक अक्टूबर महीने में बनेगी, तथा मध्य प्रदेष में लालमिर्च की पैदावार पिछले साल की तुलना में कुछ कम होने की आष्ंाका है, ऐसे में लालमिर्च की कीमतों में फिर सुधार आने का अनुमान है। आंध्रप्रदेष की प्रमुख उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की दैनिक आवक भी पहले की तुलना कम हो गई है तथा आगामी दिनों में निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान है।
उद्योग का मानना है कि लालमिर्च की पैदावार तो पिछले साल के लगभग बराबर ही होने का अनुमान है लेकिन वित वर्ष 2015-16 में देष से लालमिर्च के निर्यात में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। विदेषी बाजार में भारतीय लालमिर्च के भाव बढ़कर 3.19 डॉलर प्रति किलो हो गए जबकि पिछले महीने में इसके भाव 2.91 डॉलर प्रति किलो थे।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान देष से लालमिर्च के निर्यात में 11.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान देष से लालमिर्च का निर्यात बढ़कर 3,71,710 टन का हो गया। वित वर्ष 2013-14 में देष से 3,12,500 टन लालमिर्च का निर्यात हुआ था।.....आर एस राणा
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