आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्पादक राज्यों में मौसम साफ होने से केस्टर सीड की दैनिक आवक पहले की तुलना में बढ़ी है तथा हाल ही में केस्टर सीड के प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान में कई जगह बारिष हुई है। जिससे केस्टर सीड की आने वाली नई फसल को फयादा होगा। इसीलिए उत्पादक मंडियों में केस्टर सीड की कीमतों में गिरावट देखने को मिली है।
इस समय केस्टर तेल में निर्यात मांग अच्छी है तथा फसल का ऑफ सीजन होने के कारण आवक सीमित मात्रा में हो रही है, वैसे भी नई फसल आने में अभी काफी समय बचा हुआ है इसलिए केस्टर सीड की कीमतों में फिर से सुधार आने का अनुमान है।
केस्टर तेल में इस समय चीन की आयात मांग अच्छी बनी हुई है। उद्योग के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान 1,71,804 टन केस्टर तेल का निर्यात हो चुका है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 1,68,427 टन तेल का निर्यात हुआ है। वित वर्ष 2014-15 में देष से 4.59 लाख टन केस्टर तेल का निर्यात हुआ था तथा चालू वित वर्ष 2015-16 में भी निर्यात अच्छा होने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में केस्टर सीड की बुवाई 10.24 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9.75 लाख हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में केस्टर सीड की पैदावार बढ़कर 17.33 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल इसकी पैदावार 17.27 लाख टन की हुई थी।.......आर एस राणा
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