आर एस राणा
नई दिल्ली। हल्दी के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में बारिष होने की संभावना है, हल्दी बारिष से नई फसल को फायदा होगा, लेकिन ज्यादा बारिष हुई नीचे के इलाकों मंे फसल को नुकसान भी हो सकता है। इसीलिए हल्दी की तेजी-मंदी मानसूनी बारिष पर निर्भर करेगी। आंध्रप्रदेष की निजामाबाद मंडी में हल्दी के भाव 8,200 रुपये और इंरोड़ मंडी में 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे। सेलम मंडी में इसके भाव 8,100 और नांनदेड में 7,000 से 7,600 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
सप्ताहभर हल्दी की कीमतों में तेजी-मंदी बनी रही। जहां सप्ताह के मध्य में इसकी कीमतों में गिरावट आई थी वहीं सप्ताह के आखिर में भाव में सुधार देखा गया। महाराष्ट्र के हल्दी उत्पादक क्षेत्रों में हल्की बारिष होने से फसल को फयादा हुआ है। आंध्रप्रदेष और तेलंगाना में भी आगामी दिनों में बारिष होने की संभावना है।
चालू सीजन में हल्दी की पैदावार तो पिछले साल से कम हुई थी, लेकिन नई फसल की आवक के समय उत्पादक मंडियों में हल्दी का पिछले साल का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ था इसलिए हल्दी की कुल उपलब्धता देष में सालाना खपत से ज्यादा ही है।
इस समय खाड़ी देषों की आयात मांग भी हल्दी में आनी षुरु हो गई है त्यौहारी सीजन को देखते उत्तर भारत के राज्यों की मांग भी बढ़ी है इसलिए जिन स्टॉकिस्टों के पास हल्दी का स्टॉक है वह उत्पादक राज्यों में मौसम के साथ ही मंडियों में हल्दी के भाव पर नजर रखेंगे तो हल्दी बेचने के लिए बेहतर रणनीति बना सकेंगे।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान हल्दी का निर्यात बढ़कर 86,000 टन का हुआ है जबकि वित वर्ष 2013-14 में इसका निर्यात 77,500 टन का हुआ था। मसाला बोर्ड ने वित वर्ष 2014-15 में हल्दी के निर्यात का लक्ष्य 80,000 टन का रखा था।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में हल्दी का भाव 3.31 डॉलर प्रति किलो है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसके भाव 3.53 डॉलर प्रति किलो थे।.....आर एस राणा
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