आर एस राणा
नई दिल्ली। नीचे भाव में घरेलू मसाला कंपनियों की मांग बढ़ने से लालमिर्च की कीमतों में तेजी दर्ज की गई। पिछले चार-पांच दिनों में लालमिर्च की कीमतों में 700 से 800 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई थी। मध्य प्रदेष की लालमिर्च की नई फसल की आवक अक्टूबर महीने में बनेगी, तथा मध्य प्रदेष में लालमिर्च की पैदावार पिछले साल की तुलना में कुछ कम होने की आष्ंाका है, इसीलिए मसाला कंपनियों की खरीद बढ़ी है।
आंध्रप्रदेष की प्रमुख उत्पादक मंडियों में लालमिर्च की दैनिक आवक पहले की तुलना कम हो गई है तथा आगामी दिनों में निर्यात मांग बढ़ने का अनुमान है। उद्योग का मानना है कि लालमिर्च की पैदावार तो पिछले साल के लगभग बराबर ही होने का अनुमान है लेकिन वित वर्ष 2015-16 में देष से लालमिर्च के निर्यात में बढ़ोतरी होने का अनुमान है। विदेषी बाजार में भारतीय लालमिर्च के भाव बढ़कर 3.19 डॉलर प्रति किलो हो गए जबकि पिछले सप्ताह में इसके भाव 3.09 डॉलर प्रति किलो थे।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान देष से लालमिर्च के निर्यात में 11.04 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस दौरान देष से लालमिर्च का निर्यात बढ़कर 3,71,710 टन का हो गया। वित वर्ष 2013-14 में देष से 3,12,500 टन लालमिर्च का निर्यात हुआ था।....आर एस राणा
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