आर एस राणा
नई दिल्ली। सोयाबीन के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेष में अगस्त महीने में हुई कम बारिष का असर फसल पर पड़ने की आषंका है। चालू महीने में भी कम बारिष हुई तो फिर फसल की प्रति हैक्टेयर उत्पादता में कमी आयेगी, जिससे कीमतों में तेजी आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में सोयाबीन की बुवाई 114.17 लाख हैक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 110.30 लाख हैक्टेयर से ज्यादा है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में जून से मध्य जुलाई तक अच्छी बारिष हुई थी जिससे बुवाई तो बढ़ी है लेकिन मध्य जुलाई से लेकर अगस्त तक बारिष काफी कम हुई है जिसका असर सोयाबीन की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता पर पड़ने की आषंका है।
हालांकि सोया खली में इस समय निर्यात मांग काफी कमजोर है तथा विष्व बाजार में उपलब्धता ज्यादा होने से अभी सोया खली की निर्यात मांग में तेजी आने की संभावना भी कम है लेकिन सोयाबीन की घरेलू पैदावार में कमी की आषंका के कारण ही इस समय प्लांटों की मांग बढ़ी हुई जिससे कीमतों में और भी तेजी आने का अनुमान है। मध्य प्रदेष की इंदौर मंडी में सोयाबीन के भाव 3,400 से 3,450 रुपये, उत्पादक मंडियों में 3,250 से 3,350 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं। राजस्थान की कोटा मंडी में सोयाबीन के भाव 3,300 से 3,400 रुपये और महाराष्ट्र की लातूर मंडी में 3,490 रुपये प्रति क्विंटल रहे। सोया खली के भाव इंदौर में 30,500 रुपये प्रति टन रहे।
साल्वेंट एक्ट्रेक्टसर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले चार महीनों अप्रैल से जुलाई के दौरान देष से 35,089 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में सोया खली का निर्यात 1,07,381 टन का हुआ था। सोया खली के निर्यात में सबसे ज्यादा कमी जुलाई महीने में आई है। जुलाई महीने में देष से केवल 928 टन सोया खली का ही निर्यात हुआ है। भारतीय बंदरगाह पर सोया खली के भाव जुलाई में घटकर 507 डॉलर प्रति टन रह गए, जबकि जून महीने में इसके भाव 553 डॉलर प्रति टन थे। विष्व बाजार में सोया खली के दाम नीचे बने हुए है जिसका असर भारत से सोया खली के निर्यात पर पड़ रहा है।
कृषि मंत्रालय के चौथे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2014-15 में सोयाबीन की पैदावार 105.28 लाख टन होने का अनुमान है जबकि फसल सीजन 2013-14 में इसकी पैदावार 118.61 लाख टन की हुई थी।.....आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें