खरीफ की तैयारियों के लिए 18 राज्यों के कृषि अधिकारियों की बुलाई बैठक
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में सामान्य से कम बारिष होने की आषंका से केंद्र सरकार सक्रिय हो गई है। खरीफ फसलों की बुवाई से पहले ही तैयारियों के लिए कृषि मंत्रालय ने 18 राज्यों के कृषि अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक दिल्ली में 2 से 3 जून को होगी जिसमें बीज, खाद, सिचांई और बिजली की उपलब्धता पर विचार-विमार्ष होगा।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने चालू खरीफ में सामान्य से कम बारिष होने की आषंका जताई है। इसकी तैयारियों के लिए मंत्रालय ने 18 राज्यों के कृषि अधिकारियों की बैठक बुलाई है। बैठक में सभी राज्यों के कृषि अधिकारी अपने राज्य में बीज, खाद, सिचांई और बिजली की स्थिति से अवगत करायेंगे। उन्होंने बताया कि कृषि सचिव की अध्यक्षता में होने वाली बैठक में भारतीय मौसम विभाग के महानिदेषक, भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उपमहानिदेषक भी मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि मानसून कमजोर रहने वाले राज्यों में कम पानी में उगने वाले उन्नत बीज उपलब्ध कराये जायेंगे। खरीफ फसलों के लिए राज्यों के हिसाब से आकस्मिक योजना तैयार की जायेगी। राज्य के कृषि अधिकारियों से अपने राज्य के हिसाब से बोई जाने वाली फसलों, प्रमाणिक बीजों की उपलब्धता, सिचांई की स्थिति तथा किसानों को बिजली सप्लाई के बारे में पूरी रिपोर्ट देनी होगी। कृषि मंत्रालय राज्यों के हिसाब से आकस्मिक योजना तैयार करेगा जिससे की बारिष कम होने की स्थिति में भी खाद्यान्न की पैदावार ज्यादा प्रभावित नहीं हो।
मानसून विभाग के पूर्वानुमान के अनुसार अल नीनो के प्रभाव से इस साल मानसून सामान्य से कमजोर रहेगा। पिछले साल भी देष में 12 फीसदी बारिष सामान्य से कम हुई थी जिससे अनाज, कपास और तिलहन तथा दलहन उत्पादन प्रभावित हुआ था। वर्ष 2014-15 में देष मे खाद्यान्न की पैदावार घटकर 25.11 करोड़ टन होने का अनुमान है जोकि पिछले साल के 26.50 करोड़ टन से कम है। इससे पहले भी फसल वर्ष 2009-10 में देष के कई जिलों में सुखे जैसे हालात बनने से खाद्यान्न पैदावार में भारी गिरावट आई थी। वर्ष 2009-10 में देष में खाद्यान्न का उत्पादन घटकर 21.81 करोड़ टन का ही हुआ था जबकि वर्ष 2008-09 में 23.44 करोड़ टन खाद्यान्न की पैदावार हुई थी।.....आर एस राणा
उन्होंने बताया कि दो और जून को दिल्ली में होने वाली बैठक में पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेष, राजस्थान, बिहार, उड़ीसा, झारखंड, पष्चिमी बंगाल, छत्तीसगढ़, असम, तमिलनाडु, केरल, कर्नाटका, आंध्रप्रदेष, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेष के कृषि निदेषकों को आमंत्रित किया गया है।
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