बासमती चावल के निर्यात में 50 हजार टन की गिरावट आई
ईरान को निर्यात घटने की भरपाई के लिए, निर्यातक तलाश रहे हैं नए विकल्प
आर एस राणा
नई दिल्ली। वित वर्ष 2014-15 में बासमती चावल के निर्यात में 50 हजार टन की गिरावट आकर कुल निर्यात 37 लाख टन का हुआ है। ईरान भारत से बासमती चावल का आयात परमिट के आधार पर कर रहा है जिसकी वजह से बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है। निर्यातक ईरान की भरपाई के लिए नए देशों में बासमती चावल के निर्यात की संभावनाए तलाश रहे हैं।
एपिडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित वर्ष 2014-15 में बासमती चावल का निर्यात घटकर 37 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष में 37.5 लाख टन का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि ईरान भारत से बासमती चावल का निर्यात परमिट के आधार पर कर रहा है तथा ईरान ने बासमती चावल के आयात पर 45 फीसदी का आयात शुल्क भी लगा रखा है। नए वित वर्ष में भी ईरान परमिट के आधार पर ही बासमती चावल का आयात करेगा। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सात से ईरान भारत से बड़ी मात्रा में बासमती चावल का आयात कर रहा था तथा पिछले वित्त वर्ष 2013-14 में ईरान ने 14 लाख टन बासमती चावल का आयात किया था। उन्होंने बताया कि वित वर्ष 2014-15 में करीब 2.5 लाख टन बासमती चावल का निर्यात नए देशों को किया गया है।
वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित वर्ष 2014-15 में मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 5.78 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात 27,598.71 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष में 29,291.82 करोड़ रुपये का हुआ था।
बासमती चावल की निर्यातक फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले खरीफ सीजन में बासमती चावल की पैदावार ज्यादा हुई थी जबकि निर्यात में कमी आई है। इसी वजह से घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि ईरान की भरपाई के लिए हम अन्य देशों में बासमती चावल के निर्यात की संभावनाए तलाश रहे हैं। उत्पादक मंडियों में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला काभाव 4,700 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल और पूसा-1,509 बासमती चावल सेला का भाव 4,000 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बने हुए हैं। प्रीमियम बासमती चावल सेला के भाव 5,900 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल है।......आर एस राणा
ईरान को निर्यात घटने की भरपाई के लिए, निर्यातक तलाश रहे हैं नए विकल्प
आर एस राणा
नई दिल्ली। वित वर्ष 2014-15 में बासमती चावल के निर्यात में 50 हजार टन की गिरावट आकर कुल निर्यात 37 लाख टन का हुआ है। ईरान भारत से बासमती चावल का आयात परमिट के आधार पर कर रहा है जिसकी वजह से बासमती चावल के निर्यात में कमी आई है। निर्यातक ईरान की भरपाई के लिए नए देशों में बासमती चावल के निर्यात की संभावनाए तलाश रहे हैं।
एपिडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वित वर्ष 2014-15 में बासमती चावल का निर्यात घटकर 37 लाख टन का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष में 37.5 लाख टन का निर्यात हुआ था। उन्होंने बताया कि ईरान भारत से बासमती चावल का निर्यात परमिट के आधार पर कर रहा है तथा ईरान ने बासमती चावल के आयात पर 45 फीसदी का आयात शुल्क भी लगा रखा है। नए वित वर्ष में भी ईरान परमिट के आधार पर ही बासमती चावल का आयात करेगा। उन्होंने बताया कि पिछले पांच सात से ईरान भारत से बड़ी मात्रा में बासमती चावल का आयात कर रहा था तथा पिछले वित्त वर्ष 2013-14 में ईरान ने 14 लाख टन बासमती चावल का आयात किया था। उन्होंने बताया कि वित वर्ष 2014-15 में करीब 2.5 लाख टन बासमती चावल का निर्यात नए देशों को किया गया है।
वाणिज्य एंव उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित वर्ष 2014-15 में मूल्य के हिसाब से बासमती चावल के निर्यात में 5.78 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान मूल्य के हिसाब से बासमती चावल का निर्यात 27,598.71 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष में 29,291.82 करोड़ रुपये का हुआ था।
बासमती चावल की निर्यातक फर्म के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले खरीफ सीजन में बासमती चावल की पैदावार ज्यादा हुई थी जबकि निर्यात में कमी आई है। इसी वजह से घरेलू बाजार में बासमती चावल की कीमतों में गिरावट बनी हुई है। उन्होंने बताया कि ईरान की भरपाई के लिए हम अन्य देशों में बासमती चावल के निर्यात की संभावनाए तलाश रहे हैं। उत्पादक मंडियों में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला काभाव 4,700 से 4,800 रुपये प्रति क्विंटल और पूसा-1,509 बासमती चावल सेला का भाव 4,000 से 4,200 रुपये प्रति क्विंटल बने हुए हैं। प्रीमियम बासमती चावल सेला के भाव 5,900 से 6,000 रुपये प्रति क्विंटल है।......आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें