सोने के प्रति भारतीयों की दीवानगी एक बार फिर दुनिया में सबसे ज्यादा
साबित हुई। वर्ष 2015 की पहली तिमाही में वैश्विक स्तर पर जहां सोने की
मांग कम हुई है, वहीं भारत में इसकी कुल मांग 15 फीसदी बढ़ी है। देश में
आभूषणों की चाहत में 22 फीसदी का इजाफा हुआ है, हालांकि सोने में निवेशकों
की दिलचस्पी कम हुई है। निवेश में 6 फीसदी की कमी देखी गई है। भारत में
सोने की कुल मांग जनवरी से मार्च की तिमाही के दौरान 15 फीसदी बढ़कर 191.7
टन हो गई जबकि 2014 की पहली तिमाही में सोने की कुल मांग 167.1 टन थी।
विश्व स्वर्ण परिषद (डब्ल्यूजीसी) के मुताबिक सकारात्मक रुझान और अनुकूल
नीतिगत बदलाव और कीमतों में कमी के कारण भारत में सोने की मांग बढ़ी है।
मूल्य के लिहाज से 2015 की पहली तिमाही में सोने की मांग 9 प्रतिशत बढ़कर
46,730.6 करोड़ रुपये हो गई, जबकि 2014 की पहली तिमाही के दौरान 42,898.6
करोड़ रुपये थी। देश में सबसे ज्यादा आभूषणों की मांग में इजाफा हुआ है।
आभूषणों की कुल मांग पहली तिमाही के दौरान 22 प्रतिशत बढ़कर 150.8 टन हो गई
जो पिछले साल की पहली तिमाही में 123.5 टन थी। मूल्य के लिहाज से आभूषण की
मांग 16 प्रतिशत बढ़कर 36,761.4 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल
31,706.4 करोड़ रुपये थी। हालांकि निवेश मांग में कमी देखने को मिली। कुल
निवेश मांग 6 फीसदी कम होकर 40.9 टन रह गई जो पिछले साल 43.6 टन थी। मूल्य
के लिहाज से निवेश की मांग 11 फीसदी घटकर 9,969.3 करोड़ रुपये रही जो 2014
की पहली तिमाही में 11,192.2 करोड़ रुपये थी।
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक पीआर सोमसुंदरम के अनुसार भारत में सोने की मंाग 2015 की पहली तिमाही के दौरान 15 प्रतिशत अधिक रही, हालांकि यह 5 फीसदी के औसत से अभी भी कम है। इससे पिछले साल की इसी अवधि में सोने की मांग कम रहने के कारण का संकेत मिलता है जो सख्त सोना आयात नीति, कमजोर आर्थिक रुझान और आम चुनाव के दौरान व्यापार की अनिश्चितता के कारण हुआ। सोमसुंदरम के अनुसार आने वाली तिमाहियां पहली तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है जिसे भारत में सोने की मांग के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा रहा। इस साल आयात मांग बढ़ोतरी के अनुरूप बढ़ सकती है जो इस साल 10-15 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। सोने की वैश्विक मांग भारत के विपरीत कम रही। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने की कुल मांग पहली तिमाही में 1 फीसदी घटकर 1,079 टन रही जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1,089.9 टन थी। सोने की कुल मांग में जेवरात की प्रमुख भूमिका होती है जिसकी मांग इस साल पहली तिमाही में 3 फीसदी घटकर 601 टन रह गई। (BS Hindi)
डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक पीआर सोमसुंदरम के अनुसार भारत में सोने की मंाग 2015 की पहली तिमाही के दौरान 15 प्रतिशत अधिक रही, हालांकि यह 5 फीसदी के औसत से अभी भी कम है। इससे पिछले साल की इसी अवधि में सोने की मांग कम रहने के कारण का संकेत मिलता है जो सख्त सोना आयात नीति, कमजोर आर्थिक रुझान और आम चुनाव के दौरान व्यापार की अनिश्चितता के कारण हुआ। सोमसुंदरम के अनुसार आने वाली तिमाहियां पहली तिमाही से बेहतर रहने की उम्मीद है जिसे भारत में सोने की मांग के लिहाज से अच्छा नहीं माना जा रहा। इस साल आयात मांग बढ़ोतरी के अनुरूप बढ़ सकती है जो इस साल 10-15 प्रतिशत बढऩे की उम्मीद है। सोने की वैश्विक मांग भारत के विपरीत कम रही। डब्ल्यूजीसी की रिपोर्ट के मुताबिक सोने की कुल मांग पहली तिमाही में 1 फीसदी घटकर 1,079 टन रही जो पिछले साल की इसी तिमाही में 1,089.9 टन थी। सोने की कुल मांग में जेवरात की प्रमुख भूमिका होती है जिसकी मांग इस साल पहली तिमाही में 3 फीसदी घटकर 601 टन रह गई। (BS Hindi)
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