चीनी उत्पादन 278 लाख टन से ज्यादा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 15 मई तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 278.48 लाख टन का हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38.45 लाख टन ज्यादा है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 104.37 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 77.20 लाख टन ही चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 70.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 65.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में अभी तक 48.78 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 41.19 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ था।
चीनी का उत्पादन सालाना खपत से ज्यादा होने के कारण घरेलू बाजार में चीनी के दाम नीचे बने हुए है जिसकी वजह चीनी मिलों को घाटा उठाना पड़ रहा है तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों पर किसानों का करीब 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया हो चुका है। केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए 14 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दे रही है लेकिन विश्व बाजार में चीनी के दाम नीचे होने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी मिलेें अभी तक केवल 4.6 लाख टन रॉ-शुगर का ही निर्यात कर पाई हैं।.....आर एस राणा
आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2014-15 (अक्टूबर से सितंबर) में 15 मई तक चीनी का उत्पादन बढ़कर 278.48 लाख टन का हो चुका है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 38.45 लाख टन ज्यादा है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार महाराष्ट्र में चालू पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 104.37 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 77.20 लाख टन ही चीनी का उत्पादन हुआ था। उत्तर प्रदेश में चालू पेराई सीजन में 70.80 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 65.08 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ था। कर्नाटक में चालू पेराई सीजन में अभी तक 48.78 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 41.19 लाख टन चीनी का उत्पादन ही हुआ था।
चीनी का उत्पादन सालाना खपत से ज्यादा होने के कारण घरेलू बाजार में चीनी के दाम नीचे बने हुए है जिसकी वजह चीनी मिलों को घाटा उठाना पड़ रहा है तथा किसानों को भुगतान नहीं हो पा रहा है। चालू पेराई सीजन में चीनी मिलों पर किसानों का करीब 21,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया हो चुका है। केंद्र सरकार चीनी मिलों को राहत देने के लिए 14 लाख टन रॉ-शुगर के निर्यात पर 4,000 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दे रही है लेकिन विश्व बाजार में चीनी के दाम नीचे होने के कारण चालू पेराई सीजन में चीनी मिलेें अभी तक केवल 4.6 लाख टन रॉ-शुगर का ही निर्यात कर पाई हैं।.....आर एस राणा
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