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09 मई 2015

स्टॉकिस्टों की मांग से ग्वार की कीमतों में तेजी की संभावना


आर एस राणा
नई दिल्ली। ग्वार गम उत्पादों में इस समय निर्यात मांग अच्छी है जबकि उत्पादक मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक बढ़ नहीं रही है। हालांकि उत्पादक राज्यों में ग्वार का बकाया स्टॉक करीब 50 फीसदी से ज्यादा का बचा हुआ है लेकिन नीचे भाव में बिकवाली कम आ रही है। मानसूनी बारिश औसत से कम होने का अनुमान है इसीलिए स्टॉकिस्टों की सक्रियता बनने से ग्वार की कीमतों में तेजी की ही संभावना है।
ग्वार के थोक कारोबारी हितैष जैन ने बताया कि ग्वार गम उत्पादों में निर्यात मांग अच्छी बनी हुई है जबकि प्लांटों के ग्वार का स्टॉक कम है। स्टॉकिस्ट और किसान ग्वार की बिकवाली नीचे भाव में कर नहीं रहे हैं इसलिए कीमतों में तेजी आने की सभावना है। सप्ताहभर में उत्पादक मंडियों में ग्वार की कीमतों में 300 से 400 रुपये प्रति क्विंटल और ग्वार गम की कीमतों में 1,200 से 1,300 रुपये प्रति क्विंटल का उतार-चढ़ाव दर्ज किया गया। छह मई को उत्पादक मंडियों में ग्वार की कीमतें बढ़कर 5,200 से 5,300 रुपये प्रति क्विंटल हो गई थीं, जबकि ग्वार गम के भाव बढ़कर 13,000 रुपये प्रति क्विंटल हो गए थे। शनिवार को उत्पादक मंडियों में ग्वार के भाव घटकर 4,900 से 5,000 रुपये और ग्वार गम के भाव घटकर 12,700 रुपये प्रति क्विंटल रह गए।
ग्वार कारोबारी विपिन अग्रवाल ने बताया कि चालू सीजन में ग्वार की पैदावार घटकर 1.75 लाख बोरी की होने का अनुमान है जबकि पिछले साल पैदावार 2.25 लाख बोरी की हुई थी। चालू सीजन में उत्पादक मंडियों में ग्वार की दैनिक आवक 30-35 हजार बोरी से ज्यादा बढ़ी ही नहीं। प्लांटों ने अभी तक केवल 45 से 50 फीसदी ग्वार की क्रेसिंग ही की है जबकि स्टॉकिस्टों और किसान के पास ग्वार का करीब 50 से 55 फीसदी का स्टॉक अभी बचा हुआ है।
एपीडा के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के पहले 11 महीनों अप्रैल से फरवरी के दौरान 6.62 लाख टन ग्वार गम पाउडर का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि मेें 5.45 लाख टन का निर्यात हुआ था। ग्वार गम पाउडर के निर्यात सौदे इस समय 1,250 डॉलर प्रति टन की दर से हो रहे हैं। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार वित वर्ष 2014-15 के दौरान ग्वार गम पाउडर का निर्यात मूल्य के हिसाब से 19.22 फीसदी कम होकर 9,479.91 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 11,735.39 करोड़ रुपये का हुआ था। घरेलू बाजार में भाव कम होने के कारण ग्वार गम पाउडर का निर्यात मूल्य के हिसाब से घटा है।.....आर एस राणा

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