वायदा बाजार नियामक (एफएमसी) ने कमोडिटी एक्सचेंजों के लिए एक परिपत्र जारी
किया है। परिपत्र के अनुसार अगर एक्सचेंजों ने सदस्यों की रकम वापस करने
के लिए कारोबार को एक साल से निलंबित किया हुआ है तो उन्हें कारण बताओ
नोटिस जारी किया जाएगा कि उस कारोबार के लिए उनकी मान्यता क्यों न रद्द कर
दी जाए। जिन मान्यता प्राप्त कमोडिटी एक्सचेंजों को ये नोटिस जारी किए
जाएंगे उनमें इंडियाबुल्स और एमएमटीसी द्वारा संचालित आई-सैक्स और तीन अन्य
क्षेत्रीय एक्सचेंजों को इन्हें भेजा जाएगा, जहां कम से कम पिछले 12
महीनों के दौरान कोई कारोबार नहीं हुआ।
हालांकि एक नीति के तौर पर एफएमसी ने निर्णय किया है कि कारोबार के बंद होने के बाद ग्राहकों द्वारा एक्सचेंजों में जमा कराए गए व्यापारिक मार्जिन धन को 15 दिनों के भीतर उन्हें वापस कर दिया जाना चाहिए और एक्सचेंजों को शिकायतें, व्यापार/निपटान संबंधी मसले या एक्सचेंजों के परिचालन से जुड़ा कोई और मामला 60 दिनों के भीतर सुलझाना होगा। एक्सचेंजों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि व्यापार निलंबित होने के छह महीनों के दरमियान व्यापार संबंधी सभी शिकायतों का निपटान होना चाहिए। कारोबार के निलंबित होने की अवधि के छह महीनों के दरमियान एक्सचेंजों को कारोबार से जुड़ी नकदी और गैर नकदी तत्त्वों को लौटाना होगा। इसके साथ ही सदस्यों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके ऊपर किसी और तरह का बकाया नहीं है, वहीं एफएमसी ने एक्सचेंजों के सामने भी फिर से कारोबार शुरू करने की गुंजाइश छोड़ी है लेकिन अगर एक्सचेंज में 12 महीनों तक कारोबार नहीं होगा तो फिर नियामक ऐसे एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। नई नीति प्रभाव में आ गई है और आई-सैक्स ऐसा पहला एक्सचेंज होगा, जिसे नोटिस जारी किया जाएगा। (BS Hindi)
हालांकि एक नीति के तौर पर एफएमसी ने निर्णय किया है कि कारोबार के बंद होने के बाद ग्राहकों द्वारा एक्सचेंजों में जमा कराए गए व्यापारिक मार्जिन धन को 15 दिनों के भीतर उन्हें वापस कर दिया जाना चाहिए और एक्सचेंजों को शिकायतें, व्यापार/निपटान संबंधी मसले या एक्सचेंजों के परिचालन से जुड़ा कोई और मामला 60 दिनों के भीतर सुलझाना होगा। एक्सचेंजों को यह भी सुनिश्चित करना होगा कि व्यापार निलंबित होने के छह महीनों के दरमियान व्यापार संबंधी सभी शिकायतों का निपटान होना चाहिए। कारोबार के निलंबित होने की अवधि के छह महीनों के दरमियान एक्सचेंजों को कारोबार से जुड़ी नकदी और गैर नकदी तत्त्वों को लौटाना होगा। इसके साथ ही सदस्यों को भी यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके ऊपर किसी और तरह का बकाया नहीं है, वहीं एफएमसी ने एक्सचेंजों के सामने भी फिर से कारोबार शुरू करने की गुंजाइश छोड़ी है लेकिन अगर एक्सचेंज में 12 महीनों तक कारोबार नहीं होगा तो फिर नियामक ऐसे एक्सचेंजों को कारण बताओ नोटिस जारी करेगा। नई नीति प्रभाव में आ गई है और आई-सैक्स ऐसा पहला एक्सचेंज होगा, जिसे नोटिस जारी किया जाएगा। (BS Hindi)
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