इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश सरकार को यह
सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि 15 जुलाई तक राज्य के गन्ना किसानों के
75 फीसदी बकाए का भुगतान हो और जो मिलें इस आदेश के अनुपालन में नाकाम हों
उनके निदेशकों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। यह आदेश राष्ट्रीय किसान मजदूर
संगठन द्वारा उत्तर प्रदेश में गन्ना उत्पादकों की मुश्किलों पर अदालत का
ध्यान आकर्षित करने के संबंध में दायर जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश डी
वाय चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति मनोज गुप्ता ने पारित किया। अदालत ने इस
मामले में सुनवाई की अगली तारीख 28 जुलाई तय की और कहा कि तीन किस्तों में
किसानों को 75 फीसदी बकाए का भुगतान करना होगा।
अदालत ने कहा कि गन्ना किसानों के 25 फीसदी बकाए का
भुगतान 15 जून तक जबकि अन्य 25 फीसदी का 30 जून और शेष 25 फीसदी का भुगतान
15 जुलाई तक हो। अदालत ने कहा कि किसानों का सहकारी चीनी मिलों पर 985.34
करोड़ रुपये जबकि सहकारी चीनी निगमों पर 23.91 करोड़ रुपये और निजी चीनी
मिलों पर 8,682.91 करोड़ रुपये का बकाया है। उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार
को सुनवाई की अगली तारीख पर उसके आदेश के मुताबिक किसानों को बकाए के
भुगतान का ब्योरा सौंपने का भी निर्देश दिया। BS Hindi
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