कम मांग और वैश्विक बाजार में कम कीमतों की वजह से प्राकृतिक रबर के
बाजार उतार-चढ़ाव का सामना कर रहे हैं। स्थानीय बाजार गिरावट का सामना कर
रहे हैं और बेंचमार्क ग्रेड आरएसएस-4 की कीमत 124-124.5 रुपये प्रति
किलोग्राम के आसपास है। अंतरराष्टï्रीय स्तर की कम कीमतें भी इस्तेमाल करने
वाले रबर के उद्योगों को आकर्षित नहीं कर पा रही हैं और इसलिए कीमतें अभी
भी निचले स्तर पर बनी हुई हैं।
बाजार में हस्तक्षेप करने का केरल सरकार का बहुप्रतीक्षित कार्यक्रम
अभी भी शुरू नहीं हुआ है। इससे भी रबर उत्पादकों की उम्मीदों को झटका लगा
है। राज्य सरकार ने मार्च में 300 करोड़ रुपये की रबर खरीद योजना की घोषणा
की थी लेकिन इस योजना की शुरुआत होनी अभी भी बाकी है। वैश्विक बाजार आज 117
रुपये प्रति किग्रा तक गिर गया और एसएमआर-20 ग्रेड 95 रुपये प्रति किग्रा
की दर पर उपलब्ध है। अन्य बाजारों में कम कीमत होने की वजह से भारत की ओर
आने की आयात में इजाफा हुआ जिससे देसी बाजार पर बुरा असर पड़ा। आयात शुल्क
में इजाफा होने से देश में होने वाले आयात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। अप्रैल
में 37,250 टन रबर देश में लाया गया जबकि पिछले साल के समान महीने में
29,140 टन रबर का आयात हुआ था। इससे पता चलता है कि अंतरराष्टï्रीय बाजार
में कीमत चढऩे से भारत में अधिक आयात हो रहा है।
आयात शुल्क में बढ़ोतरी आयातकों के लिए कोई समस्या नहीं है क्योंकि
कीमतों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही है। इससे शुल्क में होने वाले
इजाफे का प्रभाव खत्म हो गया। कोच्चि के एक जाने माने कारोबारी एन
राधाकृष्णन ने कहा कि शुल्क में बढ़ोतरी से आयात में इजाफा नहीं होगा। बढ़े
हुए शुल्क पर भी आयात स्थानीय बाजार से खरीदारी करने के मुकाबले सस्ता
है। ( BS Hindi)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें