01 अक्तूबर 2013
केरल में 8500 रबर डीलरों ने की एक दिन की हड़ताल
प्राकृतिक रबर की कीमतों में भारी गिरावट ने रबर उत्पादकों और डीलरों दोनों को ऊहापोह की स्थिति में डाल दिया है, क्योंकि बाजार में खरीदारों का भारी अभाव है। रबर उद्योग, खासकर टायर निर्माताओं के खिलाफ अपना विरोध प्रकट करते हुए केरल के रबर डीलरों ने आज एक दिन के लिए अपना कामकाज बंद रखा। महज कुछ सप्ताह के अंदर रबर की कीमतों में 8 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
भारतीय रबर डीलर संघ (आईआरडीएफ) के अध्यक्ष जॉर्ज वैली ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पूरे केरल और तमिलनाडु में लगभग 8500 डीलरों ने विभिन्न मांग का हवाला देते हुए सोमवार को अपना कामकाज बंद रखा।
पिछले दो सप्ताह में रबर की कीमतों में 14 रुपये प्रति किलोग्राम की कमी आई है और कीमतें आरएसएस-4 ग्रेड की कीमतें घट कर 172 रुपये प्रति किलोग्राम पर रह गई हैं। स्थानीय बाजार वैश्विक बाजारों के अनुरूप काम कर रहा है और पूरी दुनिया में मांग में अभाव है। बैंकॉक बाजार में रबर का भाव आज 159 रुपये प्रति किलोग्राम पर रहा जो घरेलू दर के मुकाबले 13 रुपये कम है।
विश्लेषकों के अनुसार खासकर यूरोप में रबर की मांग काफी घटी है और इससे कीमतें भी बुरी तरह से प्रभावित हुई हैं। पिछले एक सप्ताह से प्रमुख टायर कंपनियां स्थानीय बाजारों से दूरी बनाए हुए हैं, क्योंकि आयात का विकल्प उनके लिए अधिक उपयोगी दिख रहा है। इसके अलावा रबर के स्टॉक में भी इजाफा हुआ है और स्थानीय बाजार में रबर के लिए मांग पिछले एक सप्ताह में नगण्य बनी हुई है।
आईआरडीएफ ने मांग की है कि यदि उद्योग में अगले कुछ दिनों में तेजी नहीं आती है तो सरकार को रबर की खरीदारी करनी चाहिए। जॉर्ज ने कहा कि आयात शुल्क तुरंत बढ़ा कर 34 रुपये प्रति किलोग्राम किया जाना चाहिए जो मौजूदा समय में 20 रुपये प्रति किलोग्राम है। इसका आश्वासन केंद्रीय वाणिज्य मंत्री ने अपनी केरल यात्रा के दौरान दिया था। इस पर तुरंत अमल होना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस वित्त वर्ष में सितंबर तक कुल आयात 160,000 टन को पार कर चुका है जो इस संदर्भ में सर्वाधिक ऊंचा स्तर है। इसलिए आयात पर नियंत्रण लगाया जाना चाहिए।
संघ ने वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) और सरकार से यह अनुरोध भी किया है कि वायदा ट्रेडिंग में पारदर्शिता बरकरार रहनी चाहिए। वायदा व्यापार मेटल की तरह शनिवार को बंद रखा जाना चाहिए। प्राकृतिक रबर के मामले में देर तक वायदा व्यापार नहीं
होना चाहिए। (BS Hindi)
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