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18 अक्टूबर 2013

आभूषण कारोबार, त्योहारी मौसम में भी नहीं गुलजार!

त्योहारी मौसम में बिक्री बढ़ाने के लिए आभूषण निर्माताओं ने कई आकर्षक योजनाएं पेश की हैं, वहीं सोना भी करीब 15 फीसदी से ज्यादा सस्ता हुआ है। इसके बावजूद ग्राहकों में खरीदारी को लेकर उत्साह नहीं देखा जा रहा है। जानकारों का कहना है कि सोने पर आयात शुल्क की ऊंची दर के कारण सोना अब भी महंगा है, जिससे बिक्री में तेजी नहीं आ रही है। कारोबारियों को नवंबर में बिक्री बढऩे की उम्मीद है। दीवाली नजदीक होने के बावजूद मुंबई के जवेरी बाजार में इस बार ग्राहकों की खास रौनक देखने को नहीं मिल रही है। हालांकि छोटे-बड़े सभी ज्वैलरों के शोरूम के बाहर छूट और ऑफर के बड़े-बड़े बोर्ड टंगे हैं। ज्वैलरी के बड़े रिटेल ब्रांड लकी ड्रा, आभूषणों की गढ़ाई शुल्क में छूट, अधिक खरीदारी पर सोने के सिक्के और चांदी का उपहार देने का वादा कर रहे हैं, वहीं छोटे ज्वैलर भी ग्राहकों को लुभाने में कोई कसर नहीं छोडऩा चाहते। इस सबके बावजूद ग्राहकों का टोटा बना हुआ है। बंबई बुलियन एसोसिएशन के प्रवक्ता कुमार जैन ने कहा कि गणपति से दीवाली तक त्योहारी मौसम में ज्वैलर अपने ग्राहकों के लिए कुछ आकर्षक योजनाएं पेश करते हैं लेकिन इस बार छूट के बावजूद ग्राहक बाजार से नदारद हैं। त्योहारी मौसम में सोने की कीमतें घटने का भी ज्वैलरों को फायदा होता है लेकिन इस बार कीमतें घटने के बाद भी खरीदारी में तेजी नहीं आ रही है। संगम ज्वैलर्स के निदेशक रमन सोलंकी कहते हैं कि सितंबर से शुरू हुए त्योहारी सीजन में अब तक कोई खास कारोबार नहीं हुआ है जबकि हर साल सितंबर और अक्टूबर में साल भर के कुल कारोबार का करीब 20 फीसदी बिक्री होती है। सोलांकी इसके लिए सरकार की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हैं। अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें कम होने पर भी भारतीय ग्राहकों को खास फायदा नहीं मिल पाता है क्योंकि सोने पर 15 फीसदी तक कर लग रहा है। गणेशोत्सव और नवरात्र के समय प्रवासी भारतीय लाखों की तादाद में अपने घर हैं और इस दौरान सोने की खरीदारी भी करते हैं लेकिन इस बार उनकी ओर से भी आभूषणों की मांग कम रही। ऑल इंडिया जेम्स ऐंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन हरेश सोनी कहते हैं कि सोने पर आयात शुल्क ज्यादा होने के कारण लोग दुबई में खरीदारी करना पसंद कर रहे हैं, क्योंकि वहां 1 फीसदी ही शुल्क लगता है। ज्यादा शुल्क के कारण विदेशी बाजारों में भी भारतीय आभूषणों की मांग घटी है। चालू वित्त वर्ष में अब तक आभूषणों के निर्यात में करीब 57.12 फीसदी की गिरावट आई है। अप्रैल से अगस्त तक 15609.54 करोड़ रुपये का आभूषण निर्यात किया गया जबकि पिछले साल इस दौरान 36404.17 करोड़ रुपये का निर्यात हुआ था। ज्वैलरों का मानना है कि फिलहाल सोने की कीमतों में ज्यादा गिरावट की उम्मीद नहीं है। हाल के दिनों में सोने की कीमतों में करीब 2,000 रुपये प्रति 10 ग्राम की कमी आई है। हाजिर बाजार में सोना 32,510 रुपये प्रति 10 ग्राम से गिरकर 30,264 रुपये के भाव पर कारोबार कर रहा है। हालांकि ग्राहक सोने की कीमतों में और गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं। दिल्ली बुलियन ऐंड ज्वैलर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष और गोयल ज्वैलर्स के मालिक विमल कुमार गोयल कहते हैं कि पिछले महीने तक ग्राहक बाजार से गायब थे लेकिन अब थोड़ी-बहुत खरीदारी हो रही है लेकिन त्योहारों जैसा माहौल नहीं है। (BS HIndi)

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