17 अक्तूबर 2013
NSEL के MD की पत्नी शालिनी सिन्हा मार्जिन फ्री ट्रेड में शामिल
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Shalini Sinha
शालिनी सिन्हा
ईटी | Oct 17, 2013, 09.02AM IST
राम सहगल,पलक शाह
मुंबई।। ऐसे समय में जब एनएसईएल में फ्रॉड को लेकर शोर मचा था, इस एक्सचेंज के हेड की पत्नी कमोडिटी फ्यूचर्स एक्सचेंज एमसीएक्स पर हजारों करोड़ रुपए के मार्जिन-फ्री ट्रेड कर रही थीं। एमसीएक्स उस ग्रुप का हिस्सा है, जिसकी एनएसईएल में मेजॉरिटी होल्डिंग है।
एसएनपी डिजाइंस प्राइवेट लिमिटेड (एसएनपी) और इसकी मैनेजिंग डायरेक्टर शालिनी सिन्हा एनएसईएल के पूर्व एमडी एंड सीईओ अंजनी सिन्हा की पत्नी हैं। ग्रांट थॉर्नटन की फॉरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया है कि एसएनपी के भारी नुकसान में होने के बावजूद इससे कोई मार्जिन नहीं लिया गया और इसने पिछले साल अप्रैल से करीब 40,000 करोड़ रुपए के कर्ज वाले ट्रेड किए। इस बारे में अंजनी सिन्हा को भेजे गए टेक्स्ट मेसेज और फोन कॉल्स का जवाब नहीं मिला। इकनॉमिक टाइम्स ने ग्रांट थॉर्नटन की रिपोर्ट की कॉपी देखी है।
एसएनपी ने एमसीएक्स पर एनएसईएल की सब्सिडियरी इंडियन बुलियन एसोसिएशन (आईबीएमए) के जरिए ट्रेड किए। रिपोर्ट में कहा गया है, '20 सितंबर 2013 तक आईबीएमए को एसएनपी की ओर से किए गए ट्रेड से हुए नुकसान की मद में 77 करोड़ रुपए मिलने थे। बड़ी रकम बकाया होने के बावजूद एसएनपी से कोई पैसा नहीं मिला।'
सबूतों से पता चलता है कि एनएसईएल के सबसे बड़ी बॉरोअर्स में शामिल मोहन इंडिया से 10 करोड़ रुपए मिले, जिन्हें आईबीएमए के एकाउंट में क्रेडिट किया गया। ग्रांट थॉर्नटन का कहना है, 'अंजनी सिन्हा के निर्देश के मुताबिक इसे एसएनपी पर बकाया रकम के बदले एडजस्ट किया जाना था।' रिपोर्ट में अंजनी सिन्हा का आईबीएमए के राकेश शेट्टी को लिखा गया पत्र शामिल है, जिसमें निर्देश दिया गया है कि गोल्ड और एग्री कमोडिटीज में सभी स्पेकुलेटिव ट्रेड्स एसएनपी डिजाइंस में रिकॉर्ड किए जाने चाहिए। इसमें कहा गया था, 'आईबीएमए के प्रॉपराइटरी एकाउंट में कोई स्पेकुलेटिव ट्रेड नहीं होना चाहिए।'
कमोडिटी मार्केट के रेगुलेशंस शेयरहोल्डर्स पर एक्सचेंजों पर मेंबर्स या क्लाइंट्स के तौर पर ट्रेड करने की अनुमति नहीं देते। एमसीएक्स पर कार्वी कॉमट्रेड के क्लाइंट के तौर पर आईबीएमए की ट्रेडिंग पर कमोडिटी मार्केट रेगुलेटर फॉरवर्ड मार्केट्स कमीशन (एफएमसी) ने कड़ा ऐतराज जताया था। एफएमसी ने एनएसईएल पर जाली ट्रेड के एमसीएक्स के वॉल्यूम पर असर पड़ने की जांच के लिए एमसीएक्स का स्पेशल ऑडिट कराने की योजना बनाई थी।
ग्रांट थॉर्नटन ने एफएमसी के कहने पर एनएसईएल का स्पेशल ऑडिट किया था। ऑडिट रिपोर्ट का पहला हिस्सा 1 अप्रैल 2012 से 31 जुलाई 2013 की अवधि का है, जब एनएसईएल ने विवादास्पद कॉन्ट्रैक्ट्स की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी थी। (ET Hindi)
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