24 अक्टूबर 2013
विदेश में दाम बढऩे से चीनी के निर्यात सौदों में आई तेजी
लेकिन ज्यादा सप्लाई के चलते घरेलू बाजार में तेजी के आसार नहीं
अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में आई तेजी से निर्यात सौदे बढ़े हैं। विदेशी बाजार में चीनी का दाम बढ़कर 520 डॉलर प्रति टन हो गया है तथा सप्ताहभर में करीब एक लाख टन चीनी के निर्यात हुए हैं। हालांकि इससे घरेलू बाजार में चीनी कीमतों में तेजी आने की संभावना नहीं है।
एसएनबी इंटरप्राइजेज के प्रबंधक सुधीर भालोटिया ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में दाम बढऩे से भारत से चीनी के निर्यात सौदे बढ़े हैं। सप्ताहभर में करीब एक लाख टन चीनी के निर्यात सौदे हुए हैं। उन्होंने बताया विश्व बाजार में चीनी के दाम बढ़कर 520 डॉलर प्रति टन हो गए है तथा ब्राजील में हुई बारिश से फसल में देरी होने की आशंका है। ऐसे में विश्व बाजार में चीनी के दाम तेज रह सकते हैं जिसका फायदा भारतीय चीनी मिलों को मिलेगा।
हालांकि इससे घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में तेजी की संभावना नहीं है क्योंकि घरेलू बाजार में चीनी का बकाया स्टॉक करीब 88 लाख टन बचा हुआ है तथा अक्टूबर से शुरू हुए नए पेराई सीजन में भी 250 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान है। उद्योग से जुड़े सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में मध्य नवंबर के बाद ही चीनी मिलों में पेराई आरंभ होने की संभावना है।
हालांकि महाराष्ट्र में एक-दो चीनी मिलों में पेराई शुरू हो गई है तथा हाल ही में जो निर्यात सौदे हुए हैं, वह महाराष्ट्र की मिलों द्वारा ही किए गए हैं। बुधवार को उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव 2,925 से 2,975 रुपये और दिल्ली थोक बाजार में 3,150 से 3,200 रुपये प्रति क्विंटल रहे। महाराष्ट्र में चीनी के एक्स-फैक्ट्री भाव 2,600 से 2,650 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार अक्टूबर से शुरू हुए नए पेराई सीजन 2013-14 (अक्टूबर से सितंबर) में 88 लाख टन चीनी का बकाया स्टॉक बचा हुआ है जबकि पेराई सीजन 2013-14 में 250 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है। देश में चीनी की खपत 230-240 लाख टन की होती है। ऐसे में आगामी पेराई सीजन में चीनी का बकाया स्टॉक 100 लाख टन से भी ज्यादा होगा। (Business Bhaskar....R S Rana)
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