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24 अक्टूबर 2013

प्राइम व चोकसी एनएसई में कर सकेंगे कारोबार

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज ने तीन महीने तक बंद रखने के बाद प्राइम ब्रोकिंग और गीतांजलि जेम्स के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक मेहुल चोकसी समेत 26 क्लाइंटों के यूनिक क्लाइंट कोड (यूसीसी) बहाल कर दिया है। मंगलवार देर शाम एनएसई की वेबसाइट पर जारी सर्कुलर में कहा गया है कि 26 यूसीसी बहाल कर दिए गए हैं, जिनमें मेहुल चोकसी और प्राइम ब्रोकिंग की सूची से संबद्ध पहचाने जाने वाले तीन नाम शामिल हैं। प्राइम रिसर्च ऐंड एडवाइजरी लिमिटेड, प्राइम सिक्योरिटीज लिमिटेड और प्राइमसेक इन्वेस्टमेंट लिमिटेड के कोड बहाल कर दिए गए हैं। इसके साथ ही प्राइम ब्रोकिंग समूह की ये इकाइयां और गीतांजलि जेम्स के प्रवर्तक मेहुल चोकसी एनएसई पर शेयरों का कारोबार कर पाएंगे। चोकसी और प्राइम ब्रोकिंग के बीच कथित जुड़ाव पर एनएसई व सेबी की तरफ से चल रही जांच के चलते (जिसके चलते गीतांजलि का शेयर 90 फीसदी तक टूटा था) 18 जुलाई को इन इकाइयों व चोकसी को एनएसई पर कारोबार से रोक दिया गया था। इन यूसीसी पर छह महीने तक या जांच पूरा होने तक (जो भी पहले हो) पाबंदी लगाई गई थी। एनएसई के अधिकारी ने कहा, यूसीसी बहाल किए जाने का मतलब यह नहीं है कि हमने उन्हें क्लीन चिट दे दी है। हमने जांच रिपोर्ट सेबी को सौंप दी है। अब सेबी को इस पर फैसला लेना है। सेबी जो भी कार्रवाई करेगा, हम उसे लागू करेंगे। एनएसई पहले ही प्राइम ब्रोकिंग को डिफॉल्टर घोषित कर चुका है, जिसकी वजह से ब्रोकिंग फर्म के प्रवर्तक एन जयकुमार ने एनएसई को अदालत में घसीट लिया है। बंबई उच्च न्यायालय में दायर याचिका में प्राइम ब्रोकिंग ने एनएसई पर 95 करोड़ रुपये का दावा ठोका है। फर्म का कहना है कि यूसीसी के बंद किए जाने और भुगतान के ब्लॉक होने से उन्हें इतना नुकसान हुआ है। एक अलग कदम के तहत प्राइम ने सैट का भी दरवाजा खटखटाया है, जहां इसने एनएसई की तरफ से भुगतान को ब्लॉक करने के फैसले को चुनौती दी है। इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते होगी। एनएसई के अधिकारी ने कहा कि अदालती लड़ाई से बचने के लिए हमने इसे बहाल किया है क्योंकि लंबी अवधि तक इसे बंद रखने पर क्लाइंट हमारे खिलाफ अदालत में याचिका दाखिल करने को बाध्य हो सकते थे। अब सेबी इस पर फैसला लेगा। उधर, चोकसी ने इस पर कोई टिप्पणी नहीं की। (BS Hindi)

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