07 अक्तूबर 2013
जिग्नेश शाह पर बढ़ती सरकार की सख्ती
लगता है कि सरकार, खासकर वित्त मंत्रालय ने जिग्नेश शाह को एक्सचेंज व्यवसाय से बाहर का दरवाजा दिखाने की तैयारी काफी पहले से ही कर ली थी। जिग्नेश शाह और अन्य के खिलाफ शुक्रवार के कारण बताओ नोटिस के साथ ही उनके खिलाफ सख्ती का एक चक्र पूरा हो गया लगता है। शाह के खिलाफ कई सख्त कदमों के बाद उन्हें यह नोटिस भेजा गया है जिसमें यह पूछा गया है कि वे एक्सचेंज व्यवसाय के संचालन के लिए किस तरह से 'फिट ऐंड प्रॉपरÓ यानी योग्य एवं उचित व्यक्ति हैं।
पर्यवेक्षकों का कहना है कि जब एनएसईएल को 20 अगस्त को पहली बार आधिकारिक तौर पर दिवालिया घोषित किया गया था तो उस दिन वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) ने यह चेतावनी जारी की थी कि एनएसईएल के बोर्ड और प्रमोटरों का 'फिट ऐंड प्रॉपरÓ दर्जा जोखिम में है। हालांकि एफएमसी ने इस मुद्दे पर कारण बताओ नोटिस जारी करने में 6 सप्ताह का समय लगा दिया।
अतीत में शेयर बाजार नियामक सेबी ने भी ऐसा नोटिस जारी किया था और जिग्नेश शाह और उनके फाइनैंशियल टेक्नोलॉजीज समूह के खिलाफ इस तरह का आदेश दिया था, लेकिन इस आदेश को भारतीय न्यायपालिका के तहत पारित नहीं किया जा सका। इसके कुछ महीने बाद वित्त मंत्री चिदंबरम ने एफटी समूह के स्टॉक एक्सचेंज एमसीएक्स-एसएक्स के इक्विटी सेगमेंट का उद्ïघाटन किया और तब काफी कम लोग ही चिदंबरम की नाराजगी को समझ सके, क्योंकि वे एक्सचेंज का शुभारंभ कर रहे थे। शायद तब से इस संबंध में तैयारी चल रही थी और उस समय तक उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय
इसके साथ ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी शाह के उन वैश्विक उद्यमों के खिलाफ तैयारी करने लगा जिनमें उन्होंने पूरी दुनिया में 5 एक्सचेंज तैयार किए थे। आरबीआई ने इस भारतीय कॉरपोरेट घराने को प्रत्यक्ष निवेश मार्ग के जरिये जिंस, मुद्रा, स्टॉक इंडेक्स से संबद्घ किसी उत्पाद की पेशकश के लिए वैश्विक उद्यम शुरू किए जाने की स्थिति में अनुमति लेने के संबंध में 25 अप्रैल को एक सर्कुलर जारी किया था।
अन्य जटिलताओं के अलावा इस सर्कुलर से भी एफटी प्रवर्तित बहरीन फाइनैंशियल एक्सचेंज (बीएफएक्स) बुरी तरह प्रभावित हुआ था जिसमें रुपये-डॉलर के वायदा का कारोबार होता था। आरबीआई के सर्कुलर के बाद इस एक्सचेंज पर कारोबार घट गया। शाह के अन्य एक्सचेंजों को भी 31 जुलाई को एनएसईएल द्वारा कारोबार बंद किए जाने से झटका लगा।
जुलाई में उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने एनएसईएल को कोई नया अनुबंध लॉन्च नहीं किए जाने और मौजूदा अनुबंधों को परिपक्वता पर निपटाने का निर्देश जारी किया था। इसमें एफटी समूह से एक्सचेंज को बंद करने को कहा गया था। हालांकि 31 जुलाई को एनएसईएल ने एक्सचेंज पर स्वयं अपना कारोबार बंद कर दिया।
कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने से पहले एफएमसी ने उन सभी संबद्घ लोगों के लिए नोटिस जारी किए जाने के लिए पुलिस का इंतजार किया था जिनके खिलाफ एफआईआर की गई थी और इनमें जिग्नेश शाह भी शामिल हैं। यदि इस मामले में आरोप सही पाया जाता है तो शाह द्वारा भारत के साथ साथ विदेश में भी कोई एक्सचेंज चलाने का सपना पूरी तरह टूट कर रह जाएगा। (BS Hindi)
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