चीनी और गेहूं के निर्यात के साथ ही प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा बिल पर इस सप्ताह होने वाली खाद्य मामलों पर प्रणब मुखर्जी की अध्यक्षता वाले मंत्रियों के अधिकार प्राप्त समूह (ईजीओएम) की बैठक में चर्चा होने की संभावना है। इसके अलावा राज्यों को सस्ते दाम पर वितरित किए जाने वाली दालों और खाद्य तेलों की समय सीमा तथा चीनी पर लगी स्टॉक लिमिट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाए जाने की सिफारिश की गई है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि इस बैठक में चीनी निर्यात को मंजूरी देने के मुद्दे पर चर्चा हो सकती है। सरकार ने ओपन जरनल लाइसेंस स्कीम (ओजीएल) के तहत पांच लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी को टाल रखा है।
सूत्रों के मुताबिक कृषि मंत्रालय चीनी निर्यात को मंजूरी दिए जाने के पक्ष में है लेकिन खाद्य पदार्थों की बढ़ती कीमतों के कारण वाणिज्य मंत्रालय चीनी उत्पादन की तस्वीर साफ होने तक निर्यात को मंजूरी देने के हक में नहीं है। फुटकर बाजार में इस समय चीनी का भाव 31 से 33 रुपये प्रति किलो चल रहा है। गेहूं का बंपर उत्पादन और केंद्रीय पूल में भारी स्टॉक को देखते हुए मात्रा तय करके गेहूं के निर्यात को अनुमति देने पर भी चर्चा होने की संभावना है।
उन्होंनें बताया कि प्रस्तावित खाद्य सुरक्षा विधेयक पर इस बैठक में चर्चा होने की संभावना है। केंद्र सरकार द्वारा बनाई गई सी. रंगराजन कमेटी ने नेशनल अडवाइजरी काउंसिल (एनएसी) की सिफारिशों में कुछ बदलाव सुझाए हैं। कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार एनएसी ने खाद्यान्न की उपलब्धता और सब्सिडी की जरुरत को बेहद कम करके आंका है। इसके अलावा कमेटी ने प्रस्तावित बिल में एपीएल तबके को दिए जाने वाले अनाज की मात्रा घटाकर आधा करने की बात कही है।
उपभोक्ता मामले विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक राज्यों को सब्सिडी युक्त दालों और खाद्य तेलों के आवंटन की अवधि 31 मार्च 2011 को समाप्त हो रही है इसको एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है। इसके अलावा वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आवंटित राशि 300 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की गई है।
ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिल सके। खाद्य मंत्रालय दालों एंव खाद्य तेलों का वितरण सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के जरिए करता है। दालों पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और खाद्य तेलों पर 15 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाती है। उन्होंने बताया कि चीनी के व्यापारियों पर लगी स्टॉक लिमिट की अवधि को एक साल के लिए बढ़ाने की सिफारिश की गई है।
चीनी पर स्टॉक लिमिट की अवधि 31 मार्च 2011 को समाप्त हो रही है इसको बढ़ाकर 31 मार्च 2012 तक किए जाने की सिफारिश की गई है। इस समय व्यापारी 200 क्विंटल चीनी का स्टॉक ही रख सकते हैं। ऊंची कीमतों से उपभोक्ताओं को राहत दिलाने के लिए सरकार ने फरवरी 2009 में चीनी के व्यापारियों पर स्टॉक लिमिट लगाई थी।बात पते की :- वित्त वर्ष 2011-12 के लिए आवंटित राशि 300 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ रुपये करने की सिफारिश की गई है। ताकि ज्यादा से ज्यादा परिवारों को इसका लाभ मिल सके। इस समय दालों पर 10 रुपये प्रति किलोग्राम की दर से और खाद्य तेलों पर 15 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जा रही है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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