नई दिल्ली March 13, 2011
आलू के भाव बढऩे से किसानों को बड़ी राहत मिली है। इस वर्ष जनवरी तक आलू के दाम लागत से नीचे चले गए थे। इस वजह से किसानों को भारी नुकसान हो रहा था, लेकिन अब कीमतों में आई तेजी से किसानों को फायदा होने लगा है। दाम बढऩे और कोल्ड स्टोर में आलू चले जाने की प्रमुख वजह इसकी आवक कम होना है। फिलहाल करीब 45 फीसदी आलू कोल्ड स्टोर में जा चुका है। इस साल देश में आलू का उत्पादन भी अधिक रहने का अनुमान है। साथ ही कोल्ड स्टोर का किराया भी पिछले साल से 9 फीसदी अधिक है।आलू का प्रमुख उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में एक महीने के दौरान आलू के दाम 200 रुपये तक बढ़कर 500-600 रुपये, पश्चिम बंगाल में 360-370 रुपये से बढ़कर 490-550 रुपये, पंजाब में 150 रुपये बढ़कर 500-550 रुपये और दिल्ली में आलू के भाव 350-400 रुपये से बढ़कर 500-660 रुपये प्रति क्विंटल हो गए हैं।गाजीपुर जिले (उत्तर प्रदेश) के सरैया छावनी गांव में आलू की खेती करने वाले किसान बटुकनारायण मिश्र ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि जनवरी में आलू का भाव 350 रुपये प्रति क्विंटल के करीब था और इस भाव पर किसान नुकसान उठा रहे थे, लेकिन अब आलू के दाम बढऩे से किसानों को राहत मिली है। पश्चिम बंगाल आलू-बीज व्यवसायी समिति के सदस्य अरुण कुमार घोष भी दाम बढऩे को किसानों के लिए अच्छा मानते हैं। घोष बताते है कि आगे भी यही भाव रहने पर पिछले दिनों हुए नुकसान की भरपाई हो जाएगी। साथ ही आगे वे फायदे में रहेंगे। कांफेडेरेशन ऑफ पोटैेटो सीड फारमर्स (पॉस्कोन), पंजाब के महासचिव जंगबहादुर सिंह ने बताया कि आलू की कीमतों में तेजी से घाटा झेल चुके किसानों की स्थिति सुधरी है। दाम बढऩे की वजह के बारे में दिल्ली स्थित पोटेटो ऑनियन मर्चेंट ट्रेडर्स एसोसिएशन (पोमा), आजादपुर के अध्यक्ष त्रिलोकचंद शर्मा कहते हैं कि कोल्ड स्टोर में आलू जाने के बाद बाजार में इसकी आवक घटी है, जिससे दाम बढ़ रहे हैं। उनके मुताबिक महीने भर में आजादपुर मंडी में आलू की आवक 150 ट्रक से घटकर 110 ट्रक रह गई है। आगरा कोल्ड स्टोर एसोसिएशन के अध्यक्ष सुदर्शन सिंघला ने बताया कि अब तक 45 फीसदी आलू कोल्ड स्टोर में जा चुका है। आगरा के कोल्ड स्टारों की भंडारण क्षमता 4 करोड़ कट्टïा (50 किलोग्राम) है। राष्टï्रीय बागवानी अनुसंधान एवं विकास फाउंडेशन (एनएचआरडीएफ) के अनुसार वर्ष 2010-11 में 4 करोड़ टन से अधिक आलू उत्पादन होने का अनुमान है। इसमें से उत्तर प्रदेश में करीब 140 लाख टन, पश्चिम बंगाल में 88 लाख, पंजाब में 21 लाख और बिहार में 56 लाख टन आलू पैदा होने का अनुमान है। (BS Hindi)
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