मुंबई March 07, 2011
वैश्विक बाजार में चल रही तेजी, मजबूत घरेलू मांग और निवेशकों की दरियादिली के चलते चांदी की कीमतें हर दिन नए रिकॉर्ड बना रही हैं। वायदा बाजार में चांदी की कीमतें चौकाने वाले स्तर 57,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई। उधर घरेलू हाजिर बाजार में चांदी 1370 रुपये बढ़कर 54970 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर पर पहुंच गई। जबकि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में चांदी के दाम बढ़कर 35.67 डॉलर प्रति आउंस पर पहुंच गए, जो पिछले 31 साल का उच्चतम स्तर है। सोने की भी कीमतें 21 हजार रुपये प्रति 10 ग्राम के स्तर को पार कर गई।कच्चे तेल में चल रही तेजी का असर चांदी की कीमतों पर साफ तौर पर दिखाई पड़ रहा है। एमसीएक्स दिसंबर अनुबंध में चांदी कारोबार के दौरान 57,050 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई, जो बाद में 1757 रुपये (3.19 फीसदी) की बढ़त के साथ 56,757 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई। हालांकि इस अनुंबध में कारोबार कम होने की वजह से बाजार विशेषज्ञ इस अनुबंध की कीमतों को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं। एमसीएक्स मई अनुबंध का उच्चतम स्तर 54,710 रुपये प्रति किलोग्राम था, जो 1217 रुपये की बढ़त के साथ 54,634 पर बंद हुआ। विशेषज्ञों की राय में चांदी की कीमतें 55,300 या फिर 55,700 रुपये प्रति किलोग्राम तक जा सकती हैं। वायदा बाजार की तरह सर्राफा बाजार में भी चांदी की कीमतें अब तक के सारे रिकॉर्डों को तोड़ते हुए 54,970 रुपये पर बंद हुई। जो कारोबार के दौरान 55,000 रुपये प्रति किलोग्राम के स्तर को पार कर गई थी।चांदी की बढ़ती कीमतों की प्रमुख वजह अंतरराष्ट्रीय बाजार को बताते हुए ऐंजल ब्रोकिंग केनवीन माथुर कहते हैं कि कच्चे तेल की कीमतें ऊपर की तरफ जा रही हैं। पश्चिम एशिया का संकट गहराता जा रहा है, जिससे निवेशक कीमती धातुओं को प्राथमिकता दे रहे हैं। सोने की बढ़ती कीमतें भी चांदी को सपोर्ट कर रही हैं। माथुर कहते हैं कि हालांकि चांदी की कीमतें सोने से ज्यादा तेजी से बढ़ रही हैं। इसकी प्रमुख वजह पिछले कुछ सालों में चांदी से मिलने वाला बेहतरीन रिटर्न है। सोने की अपेक्षा चांदी की कीमतें कम हैं, जिससे रिटेल निवेशक भी चांदी में दाव लगा रहे हैं। निवेशकों की बढ़ती संख्या चांदी की कीमतों को आसमान पर लेकर जा रही है।ज्वैलर्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष कुमार जैन कीमतें बढऩे की एक प्रमुख वजह वायदा बाजार को मानते हैं। जैन का मानना है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी की कीमतों में लगातार तेजी का रुख बना हुआ है और घरेलू बाजार में वायदा बाजार कीमतों को हवा दे रहा है जिसका प्रभाव सर्राफा बाजार की कीमतों पर पड़ रहा है। जैन कहते हैं कि अब तो चांदी की कीमत भी किलोग्राम में न बताकर ग्राम में बतानी चाहिए क्योंकि खुदरा ग्राहक अब चांदी किलोग्राम में खरीदने की स्थिति में नहीं बचे हुए हैं। कारोबारियों की मानी जाए तो अरब देशों में चल रहे हिंसक आंदोलन के कारण छोटे-बड़े सभी ग्राहक चांदी में दिल खोलकर पैसा लगा रहे हैं। इसका असर चांदी की कीमतों पर साफ तौर पर दिख रहा है। जिससे बाजार में चांदी की मांग तेजी से बढ़ रही है, मांग बढऩे से कीमतें भी बढ़ रही हैं। (BS Hindi)
24 मार्च 2011
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