मुंबई March 18, 2011
देश में दलहन की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी पीईसी लिमिटेड ने 10,000 टन दाल आयात करने के लिए निविदाएं आमंत्रित की है। आयात की जाने वाली दालों में 4,000 टन उड़द, 4,000 टन मूंग और 2,000 टन छोला चना दाल होगी। जिसका शिपमेंट अप्रैल-मई महीने में किया जाएगा। आयात के लिए बोली 24 मार्च तक मांगी गई है। पीईसी के निदेशक रवि कुमार ने दाल आयात के इस खबर की पुष्टिï की। उन्होंने बताया, 'कंपनी ने 4000 टन उड़द के लिए निविदा मंगाई है। इसमें से 2000 टन मुंबई पोर्ट पर और 2000 टन चेन्नई में देना होगा। यह दाल म्यांमार से आएगी। 4,000 टन मूंग दाल का भी आयात किया जाएगा। इसमें से 2,000 टन अमेरिका और 2,000 टन कनाडा से आयात किया जाएगा। जबकि 2,000 टन छोला चना का अस्ट्रेलिया से आयात किया जाएगा। इसे मुंबई पोर्ट पर पहुचाना होगा।Óकृषि मंत्रालय के दूसरे अग्रिम अनुमान के अनुसार इस बार देश में दलहन का उत्पादन 13.2 फीसदी बढ़कर 165 लाख टन पहुंचने की संभावना है। ऐंजल ब्रोकिंग की नलिनी राय के अनुसार सरकारी प्रयास और दलहनों की बढ़ती कीमत की वजह से देश में दलहन का रकबा बढ़ा है जिससे उत्पादन भी पहले से ज्यादा हो रहा है लेकिन उत्पादन बढऩे के बावजूद मांग पूरी नहीं की जा सकती है जिसकेलिए आयात का सहारा लेना पड़ रहा है। इस समय दलहन की सालाना खपत तकरीबन 192 लाख टन है जबकि उत्पादन 165 लाख टन होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसका मतलब यह हुआ कि उत्पादन बढऩे के बावजूद तकरीबन 27 लाख टन दाल की कमी बनी हुई है।फसल सीजन के बावजूद कुछ दिनों से दालों में दोबारा तेजी दिख रही है। इसकी मुख्य वजह बढ़ती मांग को बताया जा रहा है। बाजार के जानकारों का कहना है कि इस साल दालों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच चुकी थीं जिसको देखते हुए स्टॉकिस्ट इस समय जमकर खरीदारी कर रहे हैं। इस वजह से बाजार में मांग में तेजी बनी हुई है और इसी वजह से कीमतेंं बढ़ रही हैं। किसान इस समय बाजार में उतना ही माल लेकर आ रहे हैं जितना माल बेचने से उनका खर्च चलने वाला है बाकी की बिक्री वह ऑफ सीजन में ऊंची दर पर कर पैसा बनाना चाहते हैं। भाव चढऩे की एक वजह इसे भी माना जा रहा है। (BS Hindi)
21 मार्च 2011
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