भोपाल। एफएमसीजी प्रोडक्ट की डायरेक्ट सेलिंग करने वाली अग्रणी कंपनी एमवे इंडिया इंटरप्राईजेज लिमिटेड ने 2010 के लिए अपने विज्ञापन बजट में 67 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। वहीं कंपनी ने वर्ष 2008 के 1128 करोड़ रुपये के कारोबार के मुकाबले 2009 में 25 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 1407 करोड़ रुपये का कारोबार किया।
अब कंपनी ने 2012 के लिए 2500 करोड़ रुपये का सालाना कारोबार करने का लक्ष्य रखा है। मंगलवार को भोपाल में एमवे इंडिया के सीनियर मैनेजर (कापरेरेट कम्युनिकेशन एंड सोशल रिस्पोंसबिलिटी) रजत बनर्जी ने बताया कि वित्तीय वर्ष(जनवरी से दिसंबर) 2010 के लिए कंपनी ने अपना विज्ञापन बजट करीब 67 प्रतिशत बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि 2009 में कंपनी ने विज्ञापन के लिए कुल 15 करोड़ रुपये रखे थे। वहीं 2010 के लिए इस बजट को बढ़ाकर 25 करोड़ रुपये किया गया है। वे कहते हैं कि हालांकि अन्य बड़ी कंपनियों की तुलना में विज्ञापन के लिए एमवे का बजट बेहद कम है।
लेकिन एमवे अब विज्ञापन के इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट माध्ययमों का सहारा ले रही है। उल्लेखनीय हैं कि भारत में सन 1998 में प्रवेश करने के बाद एमवे ने 2005 से एड कैंपेन की शुरुआत की थी। तब एमवे का विज्ञापन बजट मात्र 3 करोड़ रुपये था। उन्होंने बताया कि 2008 में एमवे वेबसाइट के जरिये उत्पादों की बुकिंग शुरू की। जिसके बाद वेबसाइट के माध्ययम से करीब 12 करोड़ रुपये प्रतिमाह की बुकिंग एमवे के पास आती है।बनर्जी ने बताया कि 2009 के दौरान कंपनी के 1407 करोड़ रुपये के कारोबार में लगभग 700 करोड़ रुपये हेल्थ एवं वेलनेस प्रोडेक्ट की बिक्री के जरिये कमाए हैं। उन्होंने कहा कि भारत में डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री तेजी के साथ बढ़ रही है। इस समय डायरेक्ट सेलिंग इंडस्ट्री का सालाना कारोबार 3330 करोड़ रुपये का है। जिसके2013 तक 5328 करोड़ रुपये पार करने की उम्मीद है। डायरेक्ट सेलिंग में भारत की अग्रणी कंपनी होने के नाते एमवे की वृद्धि दर भी तेजी से बढ़ने की उम्मीद है।
वहीं डिस्ट्रीब्यूटर की संख्या बढ़ाने के बारे में बनर्जी ने कहा कि डिस्ट्रीब्यूटर्स को लेकर एमवे किसी तरह का लक्ष्य निर्धारित नहीं करती है। उन्होंने बताया कि इस समय देश भर में एमवे के साढ़े सात लाख से भी ज्यादा डिस्ट्रब्यूटर हैं। डिस्ट्रब्यूटरों द्वारा भ्रामक जानकारी देने संबंधी शिकायतों पर कंपनी की कार्रवाई के बारे में उन्होंने कहा कि इस तरह की शिकायत आने पर कंपनी पहले डिस्ट्रीब्यूटर को समझाती है, इसके बाद जरूरत पड़ने पर निलंबन एवं टर्मिनेशन की कार्रवाई की जाती है। इस तरह की शिकायतों के चलते हर साल करीब 250-350 डिस्ट्रीब्यूटर सस्पैंड किए जाते हैं।
इस दौरान एरिया सेल्स मैनेजर(मप्र,छग) विवेक सराफ ने बताया कि मप्र में कंपनी का सालाना कारोबार 54 प्रतिशत बढ़ा है। वहीं उन्होंने कहा कि 2008 में कंपनी ने कुल 22.18 करोड़ रुपये कमाए थे। वहीं भोपाल टेरीटरी में कंपनी की ग्रोथ रेट 66 प्रतिशत से ज्यादा रही है। 2009 के दौरान मप्र में कंपनी का सालाना कारोबार 34.34 करोड़ रुपये का रहा। जिसमें से करीब 3 करोड़ रुपये विक्रय कर के रूप में राज्य सरकार को चुकाए गए। सराफ ने कहा कि इस समय मप्र में एमवे के डिस्ट्रीब्युटरों की संख्या 34000 से ज्यादा है। (bhaskar)
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