गुजरात के बाद मध्य प्रदेश और राजस्थान की मंडियों में नए गेहूं की आवक शुरू हो गई है। लेकिन फ्लोर मिलों और स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर होने के कारण गुजरात की मंडियों में गेहूं का भाव घटकर न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1,120 रुपये प्रति क्विंटल से नीचे 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गया है। दिल्ली में इस समय गेहूं की कीमतें 1,320-1,325 रुपये प्रति क्विंटल चल रही है।चालू सीजन में देश में गेहूं का 814.7 लाख टन बंपर उत्पादन होने का अनुमान है। इसीलिए अप्रैल में आवक बढऩे पर इसकी कीमतों में 250 से 300 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने की संभावना है।
महादेव कनवेसिंग एजेंट के पार्टनर राजकुमार ने बताया कि गुजरात की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक बढ़कर 45 से 50 हजार क्विंटल की हो गई है। जबकि फ्लोर मिलों के साथ ही स्टॉकिस्टों की मांग कमजोर है, इसीलिए मंडियों में गेहूं का भाव घटकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है। अहमदाबाद से बेंगलूरु फ्लोर मिल पहुंच गेहूं के भाव घटकर 1,400 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है।
पिछले सप्ताह भर के दौरान इसमें करीब 75 रुपये प्रति क्विंटल की नरमी आ चुकी है। प्रवीन कॉमर्शियल कंपनी के डायरेक्टर नवीन गुप्ता ने बताया कि मध्य प्रदेश से दक्षिण भारत की फ्लोर मिलों में पहुंच गेहूं का भाव 1,440 रुपये और राजस्थान की कोटा लाईन से 1,450 रुपये प्रति क्विंटल चल रहा है।
उत्तर प्रदेश की मंडियों से अप्रैल डिलीवरी के अगाऊ सौदे 1,350 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोले जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश से बेंगलूरु के लिए 310 रुपये प्रति क्विंटल का परिवहन खर्च आ जाता है। ऐसे में अप्रैल में आवक बढऩे पर उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी गेहूं के भाव घटकर 1,000 से 1,050 रुपये प्रति रहने की संभावना है।
निवेशकों की बिकवाली से एनसीडीईएक्स पर अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में गेहूं की कीमतों में पिछले महीने भर में 4.7 फीसदी की गिरावट आ चुकी है। 14 मार्च को अप्रैल महीने के वायदा अनुबंध में गेहूं का भाव 1,233 रुपये प्रति क्विंटल था, जो मंगलवार को घटकर 1,174 रुपये प्रति क्विंटल रह गया। कमोडिटी विश£ेश्क अभय लाखवान ने बताया कि चालू सीजन में गेहूं का बंपर उत्पादन होने का अनुमान है। इसीलिए निवेशकों की बिकवाली से वायदा में और भी आठ से दस फीसदी की गिरावट आने की संभावना है।
कृषि मंत्रालय के आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2010-11 में गेहूं का उत्पादन बढ़कर 814.7 लाख टन होने का अनुमान है। केंद्रीय पूल में एक मार्च को 171.57 लाख टन गेहूं का स्टॉक बचा हुआ है। जबकि नए विपणन सीजन में एमएसपी पर 260 लाख टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा है। इसीलिए फ्लोर मिलों और स्टॉकिस्टों की खरीद सीमित मात्रा में बनी हुई है।बात पते की :- गुजरात की मंडियों में गेहूं की दैनिक आवक बढ़कर 45-50 हजार क्विंटल हो गई है। इसीलिए मंडियों में गेहूं का भाव घटकर 1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए है। (Business Bhaskar.....R S Rana)
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