02 अक्तूबर 2013
खाद्य सुरक्षा कानून की सफलता उत्पादन वृद्धि पर निर्भर : पवार
आवश्यकता - खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए उत्पादन के साथ ही खरीद, परिवहन, भंडारण और वितरण जैसे पहलुओं को सुदृढ़ किए जाने की जरूरत
खाद्य सुरक्षा बिल को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए खाद्यान्न का उत्पादन बढ़ाना जरुरी है। खाद्य सुरक्षा कानून पर मंगलवार को राज्यों के खाद्य मंत्रियों के सम्मेलन को संबोधित करते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शरद पवार ने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून को लेकर उनको कोई आपत्ति नहीं है लेकिन इतने बड़े सामाजिक कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आयात पर निर्भरता समाप्त करने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि खाद्य सब्सिडी पर खर्च प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष 1,000 रुपये तक पहुंच गया है इसलिए मौजूदा सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) को नए तरीके से व्यवस्थित करने की आवश्यकता है ताकि अनाज का आवंटन सही लाभार्थी तक हो सके।
कांग्रेस नीत संप्रग सरकार इस कार्यक्रम को पासा पलटने वाला कार्यक्रम मानती है जबकि विपक्ष ने इसे 2014 के आम चुनाव से पहले एक राजनीतिक बाजीगरी करार दिया है। खाद्य सुरक्षा बिल में देश की करीब 82 करोड़ आबादी का सस्ते खाद्यान्न का कानूनी अधिकार प्रदान किया गया है।
उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा कानून पर मेरी आपत्तियों के बारे में काफी कुछ कहा गया है लेकिन सही बात तो यह है कि समाज के गरीबों और जरूरतमंदों के लिए किसी सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम को लेकर कोई आपत्ति होने का प्रश्न ही नहीं उठता है।
दुनिया में यह अपने किस्म का सबसे बड़ा सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रम है, तथा इसको लागू करना एक बड़ा भारी काम है इसलिए घरेलू अनाज के उत्पादन को बढ़ाने की सख्त जरूरत है क्योंकि इतने बड़े कार्यक्रम को आयात के सहारे लागू नहीं किया जा सकता।
खाद्य सुरक्षा कानून को लागू करने के लिए उत्पादन के साथ ही खरीद, परिवहन, भंडारण और वितरण जैसे पहलुओं को सुदृढ़ किए जाने की आवश्यकता है।
इसकी सफलता में राज्य सरकारों की भूमिका अहम होगी। राज्य खाद्य सुरक्षा बिल को लागू करने में एक मिशन की तरह काम करें तथा कार्यक्रम के क्रियान्वयन में गड़बड़ी रोकने के लिए उपयुक्त और उच्च-प्रौद्यिोगिकियों का इस्तेमाल करने की जरूरत है। (Business Bhaskar)
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें