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01 अक्टूबर 2013

गोल्ड इंपोर्ट शुरू होने से जूलर्स खुश

कोलकाता।। फेस्टिव सीजन से पहले इंडियन कंज्यूमर्स के लिए एक अच्छी खबर है। इंडिया में गोल्ड पर प्रीमियम करीब 82 फीसदी घटकर 7 डॉलर प्रति औंस रह गया है। यह 40 डॉलर प्रति औंस तक के लेवल पर पहुंच गया था। दो महीने के गैप के बाद इंपोर्ट के फिर से शुरू होने के चलते इसमें गिरावट आई है। कोलकाता में कस्टम्स अथॉरिटी ने हाल में ही गोल्ड के कंसाइनमेंट्स को क्लीयर किया है। इससे मुंबई के झावेरी बाजार और साउथ इंडिया के ज्वैलर्स और बुलियन ट्रेडर्स में फिर से गोल्ड के आसान इंपोर्ट की उम्मीद पैदा हो गई है। नवरात्रि 5 अक्टूबर को है और इसके साथ ही देश में फेस्टिव सीजन की शुरुआत हो जाएगी। जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के पंकज पारेख ने कहा, 'कस्टम्स अथॉरिटी ने पिछले हफ्ते ही बैंकों के गोल्ड कंसाइनमेंट्स क्लीयर किए हैं। कोलकाता के एक्सपोर्टर्स को इन कंसाइनमेंट्स से गोल्ड मिल भी गया है। मैं तो पिछले हफ्ते मिले गोल्ड से करीब 100 किलो ज्वैलरी को एक्सपोर्ट भी कर चुका हूं।' रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने 22 जुलाई को 80:20 स्कीम का आदेश दिया था। इसके तहत कुल गोल्ड इंपोर्ट का 20 फीसदी हिस्सा एक्सपोर्ट किया जाना है। अगर 20 फीसदी का यह नॉर्म पूरा नहीं हो पाता है तो इसके आगे गोल्ड के इंपोर्ट की इजाजत इस नियम के मुताबिक नहीं है। इस कदम का मकसद गोल्ड इंपोर्ट पर लगाम लगाना है। गोल्ड इंपोर्ट बढ़ने के चलते देश का करेंट अकाउंट डेफिसिट (सीएडी) हायर लेवल पर पहुंच गया है। हालांकि, आरबीआई के नॉर्म की वजह से बड़े लेवल पर कनफ्यूजन पैदा हुआ। इससे देश में आए गोल्ड को कस्टम्स ने रोक लिया। अगस्त में इंडिया का गोल्ड इंपोर्ट घटकर 0.65 अरब डॉलर पर आ गया, जो जुलाई में 2.9 अरब डॉलर था और मई में तो यह 8.4 अरब डॉलर के रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गया था। गोल्ड ट्रेडर्स की आरबीआई और कस्टम्स अथॉरिटीज के साथ कई राउंड की मीटिंग हुई थीं, ताकि इस बारे में भ्रम दूर किया जा सके। ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी ट्रेड फेडरेशन के चेयरमैन हरेश सोनी के मुताबिक, 'हमारी पिछले हफ्ते आरबीआई से भी बात हुई थी, जिसमें नोवा स्कोटिया बैंक के अधिकारी भी मौजूद थे। इनके कंसाइनमेंट को कस्टम्स ने रोक लिया था। हमें उम्मीद है कि नवरात्रि से पहले इंपोर्ट फिर से शुरू हो जाएगा। अमूमन गोल्ड की डिमांड नवरात्रि से बढ़ती है। यह दिसंबर-जनवरी तक चलता है। नवंबर से जनवरी के दौरान वेडिंग सीजन होता है, जिसमें गोल्ड ज्वैलरी की सेल्स बढ़ती परचेज होती है।' (Navbharat Times)

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