04 अक्तूबर 2013
एनएसईएल संकट: 4 मामलों पर हुई सुनवाई
नैशनल स्पॉट एक्सचेंज (एनएसईएल) के निवेशकों द्वारा दायर कराए गए चार मामलों पर गुरुवार को बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। दो मामलों को एक साथ जोड़ते हुए अदालत ने वायदा बाजार आयोग (एफएमसी) और मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को शुक्रवार को सुबह 11 बजे तक अदालत के समक्ष अपने संबद्घ बयान पेश करने का आदेश दिया है।
अदालत ने एनएसईएल से शुक्रवार तक कीमती धातुओं की डिलिवरी नहीं करने और न ही निवेशकों के लिए ई-सीरीज के तहत बिके सामान की प्राप्ति वितरित करने को कहा है।
न्यायालय ने विभिन्न निवेशकों द्वारा दायर कराए गए मामलों में से दो की सुनवाई एक साथ की। इनमें एक को गौरव जोशी द्वारा और दूसरे को तरुण अमरचंद जैन एचयूएफ और आशिष सेठ एचयुएफ द्वारा सामूहिक तौर पर दायर कराया गया था। दोनों मामलों में अदालत से सामान्य और ई-सीरीज के निवेशकों के बीच अंतर समाप्त किए जाने और ई-सीरीज के निवेशकों के लिए जिंसों की डिलिवरी रोके जाने की मांग की गई।
27 सितंबर के सर्कुलर के अनुसार एनएसईएल ने 3 अक्टूबर से शुरू होने वाले ई-सीरीज अनुबंधों के तहत सोने और चांदी की डिलिवरी की योजना बनाई थी। यह डिलिवरी 9 अक्टूबर को समाप्त की जानी थी। एनएसईएल की वेबसाइट पर अपलोड हुई एक ऑडिट रिपोर्ट में कहा गया था कि एनएसईएल के गोदामों में 46.16 टन चांदी और 910 किलोग्राम सोना पड़ा हुआ है। इन कीमती धातुओं को ई-सीरीज के तहत निवेशकों के लिए डिलिवरी के लिए इस्तेमाल किया जाना था।
पूर्व में एफएमसी से ई-सीरीज अनुबंधों के तहत जिंसों की सुचारू तरीके से डिलिवरी की निगरानी की जिम्मेदारी लेने को कहा गया था। उन्होंने कहा, 'एफएमसी से एनएसईएल निवेशकों के लिए सोने और चांदी की डिलिवरी की निगरानी रखने को कहा गया।Ó अदालत ने ईओडब्ल्यू को भी शुक्रवार की सुबह तक अपना लिखित बयान देने का निर्देश दिया है।
इस बीच एनएसईएल को अंतिम निर्णय नहीं आने तक सामान की डिलिवरी नहीं करने को कहा गया है। (BS Hindi)
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