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12 अप्रैल 2013

रबर उत्पादन थोड़ा बढ़ा

वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान प्राकृतिक रबर का उत्पादन 0.9 फीसदी बढ़कर 9,12,200 टन रहा, जो 2011-12 में 9,03,700 टन था। रबर बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक खपत 0.8 फीसदी की मामूली वृद्धि के साथ 9,71,980 टन रही, जो इससे पिछले वित्त वर्ष में 9,64,415 टन थी। इससे पहले रबर बोर्ड ने चालू वित्त में कुल उत्पादन 9,30,000 टन और खपत 10,06,000 टन रहने का अनुमान लगाया था। इस तरह वर्ष में 76,000 टन रबर की कमी का अनुमान था। उद्योग के विशेषज्ञों ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया कि कमी 1,50,000 टन से ज्यादा रह सकती है। हालांकि बोर्ड को घरेलू बाजार में उपलब्धता में कमी नजर नहीं आ रही है, क्योंकि स्थानीय बाजार में अच्छा स्टॉक है और उद्योग को विभिन्न शुल्क मुक्त रास्तों के जरिये 1,50,000 टन आयात की स्वीकृति दी गई है। बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक इस समय कुल वार्षिक कमी केवल 59,780 टन है। प्राकृतिक रबर के उत्पादन और खपत में विपरीत रुख रहा। जहां उत्पादन में 6 फीसदी गिरावट रही, वहीं खपत उसी स्तर पर रही। मार्च में उत्पादन 52,000 टन रहा, जो पिछले साल के इसी महीने में 53,300 टन था। तेज गर्मी से ज्यादातर बागान में मध्य फरवरी से टैपिंग रुक गई है और इससे उत्पादन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। फरवरी के दौरान उत्पादन में 4.7 फीसदी गिरावट दर्ज की गई है। ग्रीष्मकालीन बारिश न होने से स्थिति और बदतर हुई है और केरल के बहुत से हिस्सों में रबर के पेड़ नष्ट हो गए हैं। केरल में देश का 92 फीसदी उत्पादन होता है। कोट्टायम जिले के रबर किसानों के मुताबिक राज्य में तेज गर्मी जारी है और अप्रैल व मई में उत्पादन पर इसका बुरा असर पड़ेगा। मार्च के दौरान खपत 6 फीसदी बढ़कर 79,000 टन रही, जो मार्च 2012 में 74,500 टन थी। 2012-13 की अप्रैल से मार्च तक की अवधि में कुल उत्पादन 0.9 फीसदी बढ़कर 9,12,200 टन रहा, जो 2011-12 में 9,03,700 टन था। रबर बोर्ड के मुताबिक खपत 0.8 फीसदी बढ़ोतरी के साथ 9,71,980 टन रही, जो पिछले वित्त वर्ष में 9,64,415 टन थी। बोर्ड के आंकड़ों के मुताबिक मार्च में आयात में भारी गिरावट दर्ज की गई। 2012-13 में कुल आयात बढ़कर 2,16,642 टन रहा, जो अब तक का सर्वोच्च स्तर है। 2011-12 में कुल आयात 2,13,785 टन था। मार्च के दौरान रबर का आयात गिरकर 9,199 टन रहा, जो पिछले साल इसी महीने में 23,330 टन था। इस कारण घरेलू बाजार की तुलना में वैश्विक बाजार में कीमतों में भारी बढ़ोतरी रही (BS Hindi)

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