23 अप्रैल 2013
वैश्विक बाजार में तांबे की कीमत 7,000 डॉलर से नीचे
निराशाजनक वैश्विक वृद्धि और आपूर्ति में सुधार की संभावनाएं बढऩे से सोमवार को तांबे की कीमत 1 फीसदी से ज्यादा गिरकर पिछले डेढ़ साल के निचले स्तर के करीब पहुंच गई। हालांकि बाजार भागीदारों का अनुमान है कि कीमतें जल्द ही निचले स्तरों पर पहुंच जाएगी। अन्य बाजारों जैसे तेल, सोना और वैश्विक शेयर में उछाल के बावजूद तांबे में गिरावट रही। चीन की कमजोर वृद्धि दर और अमेरिका के बेरोजगारी के कमजोर दावों से इन बाजारों में पिछले सप्ताह भारी गिरावट रही थी।
डॉयचे बैंक के विश्लेषक डेनियल ब्रेबनर ने कहा, 'वृद्धि दर धीमी पडऩे से दबाव है और तांबे पर कारोबारियों का ध्यान केंद्रित हैं, क्योंकि यह अपनी स्वीकृत उचित मूल्य से काफी ऊपर कारोबार कर रहा है। हमारा अनुमान है कि इसकी कीमत अब से वर्ष के मध्य तक 6,500 डॉलर प्रति टन रहेगी। लेकिन अगर आप एक कारोबारी हैं तो इसे खरीद के मौके के रूप में देखें।Ó लंदन मेटल एक्सचेंज पर तीन महीने का तांबा अनुबंध 1.05 फीसदी गिरकर 6,916.75 डॉलर प्रति टन पर आ गया। पिछले गुरुवार को तांबा लुढ़ककर 6,815 डॉलर के स्तर पर आ गया था, जो डेढ़ साल के निचले स्तर से महज 15 डॉलर दूर था।
शांघाई फ्यूचर्स एक्सचेंज सबसे ज्यादा लेन-देन वाला अगस्त तांबा अनुबंध गिरकर तीन साल के निचले स्तर 48,970 युआन प्रति टन (7,900 डॉलर) पर पहुंच गया, जो उसका जून 2010 के बाद का सबसे निचला स्तर है। इससे पहले के आंकड़े यह दर्शाते हैं कि तांबे के सबसे बड़े वैश्विक उपभोक्ता चीन से परिष्कृति तांबे का आयात मार्च में वर्ष दर वर्ष आधार पर 36.7 फीसदी गिरकर 2,18,823 टन रहा। जबकि परिष्कृत तांबे का निर्यात बढ़कर 60,642 टन रहा। यानी इसमें वर्ष दर वर्ष आधार पर 128.52 फीसदी बढ़ोतरी रही।
साथ ही, एमएमई पर तांबे का स्टॉक एक दशक के सर्वोच्च स्तर के आसपास पहुंच गया है। उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल तांबे का सरप्लस रहेगा। निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स पहले ही 2013 के लिए तांबे की कीमत के अपने अनुमान को 8,453 डॉलर से घटाकर 7,600 डॉलर कर चुका है।
तांबा डेढ़ साल के निचले भाव पर
आर्थिक सुस्ती में तांबे की मांग कमजोर होने से इस साल लंदन मेटल एक्सचेंज मेंं इसकी इंवेट्री 93 फीसदी बढ़ गई है। साल के पहले दो महीनों में तांबे का अधिशेष 1.30 लाख टन है, जो पिछले पूरे साल के अधिशेष 34,000 टन के मुकाबले तीन गुना से भी ज्यादा है। भारी इंवेंट्री व अधिशेष के दबाव में इस साल तांबे की कीमत करीब 15 फीसदी घटकर डेढ़ साल के निचले स्तर पर आ गई है। जानकारों के मुताबिक मांग के मोर्चे पर फिलहाल कोई सकारात्मक संकेत नही मिल रहे हैं। ऐसे में निचले भाव पर थोड़ा सुधार तो संभव है, लेकिन ज्यादा तेजी की उम्मीद नही है।
लंदन मेटल एक्सचेंज (एलएमई) में इस साल तांबा 8,111 डॉलर से घटकर 6,920 डॉलर प्रति टन और घरेलू मल्टीकमोडिटीएक्सचेंज (एमसीएक्स)में इस दौरान तांबा अप्रैल अनुबंध 448 रुपये से गिरकर 373 रुपये प्रति किलोग्राम पर 18 महीने के निचले भाव कारोबार कर रहा है। सप्ताह भर में तांबा 6 फीसदी सस्ता हुआ है।
कमोडिटीइनसाइटडॉटकॉम के वरिष्टï जिंस विश्लेषक अभिषेक शर्मा कहते हैं कि कुछ समय यूरोप व अमेरिका में आर्थिक पैकेज जैसी सकारात्मक खबरों से तांबे में मजबूती आई थी। लेकिन अब तक आर्थिक हालात खासकर यूरोपीय देशों में खराब ही रहे हैं। वैश्विक स्तर पर तांबे की मांग घटने से एलएमई में इसकी इंवेंट्री 93 फीसदी बढ़कर 6.14 लाख टन हो गई है। शर्मा ने वल्र्ड ब्यूरो ऑफ मेटल स्टेस्टिक्स(डब्ल्यूबीएमएस) की रिपोर्ट के हवाले से कहा कि पिछले साल तांबे का अधिशेष 34,000 टन था, जबकि इसी साल जनवरी-फरवरी महीने में यह बढ़कर करीब 1.30 लाख टन हो गया है। ये आंकड़े दर्शाते है कि तांबे की मांग कितनी कमजोर है? (BS Hindi)
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