22 अप्रैल 2013
अगले मार्च तक 197 लाख टन अतिरिक्त भंडारण क्षमता
आर एस राणा नई दिल्ली | Apr 22, 2013, 01:45AM IST
स्कीम - गोदाम निर्माण के लिए निजी उद्यमी गारंटी योजना
67 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार, एफसीआई को 40 लाख टन के गोदाम मिले
खाद्यान्न भंडारण की समस्या को दूर करने के लिए सरकार निजी उद्यमी गारंटी योजना (पीईजी) स्कीम के तहत मार्च 2014 तक 197 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता तैयार करेगी।
इसमें से 67 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार हो चुकी है, जिसमें से 40 लाख टन की भंडारण क्षमता भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) को सौंपी जा चुकी है जिसका चालू रबी विपणन सीजन में उपयोग किया जाएगा।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बिजनेस भास्कर को बताया कि देशभर में पीईजी स्कीम के तहत 197 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता तैयार करने की योजना है।
31 मार्च 2013 तक इसमें से 140 लाख टन की निविदा को अंतिम रूप दिया जा चुका है। इसमें से 67 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार हो चुकी है तथा 40 लाख टन की क्षमता एफसीआई को सौंपी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि 197 लाख टन में 20 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता साइलो सिस्टम के तहत बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि पीईजी स्कीम के तहत पंजाब में 49.99 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जानी है, जिसमें से 31 मार्च 2013 तक 33 लाख टन तैयार हो चुकी है।
इसी तरह से हरियाणा में 40.06 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जानी है, जिसमें से 13 लाख टन तैयार हो चुकी है। इसके तहत मध्य प्रदेश में 23.87 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जाएगी, जिसमें से 31 मार्च 2013 तक 1.42 टन की भंडारण क्षमता तैयार हो चुकी है।
राजस्थान में पीईजी स्कीम के तहत 2.50 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार करने की योजना है, इसमें से 53,000 टन की भंडारण क्षमता तैयार की जा चुकी है।
छत्तीसगढ़ में इस स्कीम के तहत 5.42 लाख टन की अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार की जानी है, जिसमें से 2.22 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार हो चुकी है। अन्य राज्यों कर्नाटक में 1.51 लाख टन और आंध्र प्रदेश में 1.34 लाख टन की भंडारण क्षमता तैयार हो चुकी है।
उन्होंने बताया कि 197 लाख टन की अतिरिक्त खाद्यान्न भंडारण क्षमता को मार्च 2014 तक तैयार करने का लक्ष्य तय किया गया है। इस समय केंद्र सरकार और राज्यों को मिलाकर कुल 717 लाख टन खाद्यान्न की भंडारण क्षमता है। अतिरिक्त भंडारण क्षमता तैयार हो जाने के बाद खाद्यान्न भंडारण की समस्या काफी हद तक दूर हो जायेगी (Business Bhaskar....R S Rana)
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