23 अप्रैल 2013
चीनी उद्योग के उपोत्पाद क्षेत्र में बढ़ सकता है निवेश
अब तक अनदेखी की शिकार रहीं गन्ना पेराई की सहायक गतिविधियों में ताजा निवेश का एक बड़ा हिस्सा आ सकता है, क्योंकि चीनी बिक्री के आंशिक विनियंत्रण और एथेनॉल की कीमतों में 30 फीसदी की भारी बढ़ोतरी से संभावनाओं के द्वार खुले हैं।
सीएमएआई के मुताबिक चीनी मिलें गन्ना पेराई क्षमता में 79,000 टन की अतिरिक्त बढ़ोतरी के लिए करीब 4,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना सकती हैं। क्षमता विस्तार में गन्ना पेराई पर भी ध्यान रहेगा। लेकिन इसके साथ ही मिलें अन्य गतिविधियों की क्षमता में भी इजाफा करेंगी।
श्री रेणुका शुगर्स के प्रबंध निदेशक नरेंद्र मुरकुंबी ने कहा, 'चीनी बिक्री के आंशिक विनियंत्रण, एथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी और तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) के पेट्रोल के साथ अनिवार्य मिश्रण के लिए ग्रीन फ्यूल की पूरी खरीद करने की प्रतिबद्धता जताने से अब रुझान पूरी तरह बदल गया है। ज्यादातर नया निवेश एथेनॉल और विद्युत उत्पादन सहित दूसरे गौण उत्पादों में होगा।Ó
आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति (सीसीईए) ने इस महीने की शुरुआत में चीनी के विनियंत्रण पर रंगराजन समिति की रिपोर्ट को आंशिक रूप से स्वीकार किया था। इसने 10 फीसदी चीनी उत्पादन रियायती दरों पर मुहैया कराने की लेवी अनिवार्यता खत्म करने का फैसला लिया था। सीसीईए ने खुले बाजार में गैर-लेवी चीनी बेचने के लिए नियमित रिलीज प्रणाली भी खत्म कर दी। हालांकि रंगराजन समिति की अन्य सिफारिशों जैसे गन्ना क्षेत्राधिकार, न्यूनतम दूरी मानक और गन्ना कीमत को राज्य सरकारों पर छोड़ दिया गया है।
ओएमसी ने एथेनॉल आपूर्ति के लिए कम बोली लगाने वालों को आशय पत्र जारी करना शुरू कर दिया है, जिसकी आधार कीमत 34 से 36 रुपये प्रति लीटर है। यह पिछले साल से करीब 30 फीसदी ज्यादा है। ओएमसी ने नवंबर 2012 में 110 करोड़ लीटर एथेनॉल खरीदने के लिए निविदा जारी की थी। हालांकि चीनी मिलों ने 55 करोड़ लीटर एथेनॉल आपूर्ति की पेशकश की है। पहले 27 रुपये प्रति लीटर पर एथेनॉल की आपूर्ति आर्थिक रूप से फायदेमंद नहीं थी, इसलिए चीनी मिलें ज्यादा कीमत हासिल करने के लिए रेक्टिफाइड स्पिरिट की बिक्री कर रही थीं। (BS Hindi)
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