24 अप्रैल 2013
रिफाइंड पाम पर आयात शुल्क बढ़ाने की मांग
नई दिल्ली - सॉलवेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एसईए) ने रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क बढ़ाकर 12.5' करने की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि सस्ते आयात के कारण वनस्पति तेल रिफाइन करने वाली घरेलू कंपनियों का बिजनेस प्रभावित हो रहा है। इस समय रिफाइंड पाम तेल पर 7.5' और कच्चे वनस्पति तेल पर 2.5' आयात शुल्क है। इस तरह दोनों के बीच शुल्क का अंतर सिर्फ 5' रह गया है।
मुंबई आधारित एसोसिएशन के प्रेसिडेंट विजय डाटा ने बताया कि रिफाइंड पामोलीन और क्रूड पाम ऑयल के आयात शुल्क में अंतर कम होने के कारण रिफाइंड का आयात काफी बढ़ गया है। इससे भारतीय रिफाइनिंग कंपनियां अपनी पूरी क्षमता का इस्तेमाल नहीं कर पा रही हैं। एसोसिएशन के मुताबिक फरवरी में 1,16,237 टन रिफाइंड पामोलीन का आयात हुआ था जो मार्च में बढ़कर 1,37,407 टन हो गया।
उद्योग संगठन का तर्क है कि आयात शुल्क बढ़ाने से सरकार को ज्यादा राजस्व प्राप्त होगा जिसका इस्तेमाल वह राशन की दुकानों में पाम तेल की बिक्री पर सब्सिडी देने में कर सकती है। एसईए ने पशुचारे में इस्तेमाल होने वाली खली का शुल्क मुक्त आयात मार्च के बाद भी जारी रखने की मांग की। सरकार ने पिछले साल अगस्त में छह माह के लिए इसके शुल्क मुल्क आयात की इजाजत दी थी। (Business Bhaskar)
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