25 अप्रैल 2013
वैश्विक बाजार में सोना तेज लेकिन निवेशकों की बेरुखी
विश्लेषकों को सोने की तेजी टिकने की संभावना पर अभी भी संदेह
अंतरराष्ट्रीय बाजार में बुधवार को सोने के दाम फिर बढ़ गए। स्थानीय हाजिर बाजार में सोने के दाम 7.80 डॉलर (0.55 फीसदी) बढ़कर 1421.40 डॉलर प्रति औंस हो गए।
सोने में तेजी हाजिर मांग सुधरने के कारण आई। लेकिन निवेशकों की खरीद अभी तक शुरू नहीं हुई है। उन्हें सोने में बड़ी तेजी आने की कोई उम्मीद नहीं दिखाई दे रही है। दूसरी ओर दिल्ली के सराफा बाजार में अवकाश होने के कारण कोई कारोबार नहीं हुआ।
लंदन के हाजिर बाजार में सोने के दाम 1421.40 डॉलर प्रति औंस हो गए। दूसरी ओर चांदी के मूल्य में 0.22 फीसदी की तेजी रही और इसके भाव 22.99 डॉलर प्रति औंस के स्तर पर पहुंच गए।
शंघाई गोल्ड एक्सचेंज के नकद बैंचमार्क कांट्रेक्ट में पिछले सप्ताह 150 टन सोने का कारोबार हुआ जबकि अमेरिका में ईगल बुलियन कॉयन का स्टॉक खत्म हो गया। दरअसल सोने का हाजिर बाजार कारोबार बढ़ रहा है। ग्राहकों की हाजिर में खरीद बढ़ रही है।
सोने के दाम अभी भी 11 अप्रैल के स्तर 1561.45 डॉलर प्रति औंस से करीब 8.8 फीसदी नीचे हैं। इसके बाद दो दिनों के कारोबार में भाव करीब 14 फीसदी घट गए थे। 1983 के बाद सोने में यह सबसे बड़ी गिरावट रही थी।
चालू वर्ष 2013 के दौरान सोने के मूल्य में 15 फीसदी गिरावट आई। 12 साल की निरंतर तेजी के बाद सोने में गिरावट आई थी और भाव दो साल के निचले स्तर 1321.95 डॉलर प्रति औंस रह गया था। सोने में निवेशकों की दिलचस्पी काफी कम हो गई है।
दुनिया की सबसे बड़े बुलियन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड एसपीडीआर में सोने की होल्डिंग (एसेट) 42 माह के निचले स्तर 1092.2 टन रह गया। पिछले माह इसकी होल्डिंग में दस फीसदी की गिरावट आई। वीटीबी केपिटल के एनालिस्ट एंड्री क्रुचेनकोव ने कहा कि सोने में आई मौजूदा तेजी दूसरे बेटमेटल्स के रुख के अनुरूप दिखाई दे रही है। इसे जर्मनी में उदार मौद्रिक नीति की संभावना से भी समर्थन मिला है।
डॉलर की कमजोरी से भी इसके दाम बढ़े हैं। लेकिन सोने के मामले में ये फंडामेंटल कितने प्रभावी होंगे, कहना मुश्किल है। खासकर पिछले सप्ताह आई गिरावट के बाद तेजी के स्थायित्व के बारे में कोई भविष्यवाणी करना आसान नहीं है। (Business Bhaskar)
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