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12 अप्रैल 2013

दाम में उतार, घटा वायदा कारोबार

ऐसा लगता है कि सोने के आयात को कम करने के वित्त मंत्रालय के प्रयासों को सर्राफा कारोबारियों ने गंभीरता से लिया है। पिछले कुछ महीनों के दौरान कम से कम सर्राफा कारोबार निवेश जरूर घटा है। कीमतों में कमजोरी और अस्थिरता के कारण एमसीएक्स पर सोने का दैनिक औसत कारोबार जनवरी से घट रहा है। जनवरी में सोने का दैनिक औसत कारोबार 1,971 करोड़ रुपये रहा, जो मार्च में 14 फीसदी गिरकर 1,693 करोड़ रुपये पर आ गया। फरवरी में भी सोने का दैनिक औसत कारोबार गिरकर 1,833 करोड़ रुपये रहा। अप्रैल के शुरुआती दिनों में भी स्थिति बदली नहीं है। चालू कैलेंडर वर्ष की शुरुआत के बाद सोने की कीमत 3.4 फीसदी गिरकर 29,300 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गई है। हालांकि जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतें गिरती हैं तो भारत में रुपये की कमजोरी के कारण कीमतें उतनी कम नहीं होती हैं। आमतौर पर अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों का रुख अमेरिकी डॉलर से उलट होता है। अगर डॉलर चढ़ता है तो सोना गिरता है लेकिन जब डॉलर मजबूत होता है तो रुपया कमजोर होता है। इससे कारोबारियों को कोई दिशा नजर नहीं आ रही है और वे कोराबार घटाने को तरजीह दे रहे हैं। सरकार ने जनवरी के अंत में सोने पर आयात शुल्क 4 फीसदी से बढ़ाकर 6 फीसदी किया था। इस कारण भी कारोबारियों और निवेशकों ने बाजार से दूरी बनाई है। रेलिगेयर सिक्योरिटीज के अध्यक्ष (खुदरा और वितरण) जयंत मांगलिक ने कहा, 'जब कीमतें लुढ़कती हैं तो कारोबारी बाजार से दूर हो जाते हैं।Ó फिलहाल सोने का आउटलुक भी कमजोर है, जिससे भी सोने का कारोबार वायदा एक्सचेंजों में कारोबारियों की भागीदारी पर असर पड़ा है। कुछ इसी तरह की बात कहते हुए कमोडिटीज ऐंड करेंसीज के सहायक निदेशक नवीन माथुर बताते हैं, 'सोने की चाल थमी हुई है, जिससे कारोबारियों ने बाजार से दूरी बना रखी है। इस जिंस में कोई उछाल नहीं आ रहा है, जिससे निवेशक दूरी बनाए हुए हैं।Ó मुंबई के सर्राफा कोराबारी पृथ्वीराज कोठारी ने कहा, 'कमजोर कीमतों के कारण बाजार में सोने की बहुत कम मांग है, जिससे एमसीएक्स पर कारोबार कम हुआ है। अगर अच्छी बारिश हुई तो कारोबार बढ़ेगा।Ó सोना 10 माह के निचले स्तर पर सोने की कीमतें गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी में 505 रुपये गिरकर 10 महीने के निचले स्तर 29,470 रुपये प्रति 10 ग्राम पर आ गईं। विदेशी बाजारों में भारी गिरावट का असर घरेलू बाजार पर भी पड़ा और सीमित लिवाली व स्टॉकिस्टों की भारी बिकवाली से कीमतों में गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट से सोना पिछले साल 30 मई के स्तर पर आ गया है। यूएस फेडरल रिजर्व के प्रोत्साहन कम करने की आशंकाओं से पीली धातु न्यूयॉर्क में 25.70 डॉलर गिरकर 1,559.30 डॉलर प्रति आउंस पर आ गई। कमजोर रुझान के चलते औद्योगिक इकाइयों और गिन्नी विनिर्माताओं की सीमित लिवाली से चांदी का भाव भी 875 रुपये टूटकर 52,275 रुपये किलोग्राम रहा। कारोबारियों ने कहा कि निवेशकों के गिरते सर्राफा से अपना धन निकालकर बढ़ते शेयर बाजार में लगाने से भी सर्राफा बाजार ने गोता खाया। 3 अप्रैल को 500 रुपये की गिरावट के बाद इस महीने सोने में यह दूसरी बड़ी गिरावट है। घरेलू स्तर पर सोना 99.9 व 99.5 फीसदी शुद्ध का भाव 505 रुपये गिरकर क्रमश: 29,470 रुपये और 29,270 रुपये रहा। (BS Hindi)

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