कुल पेज दृश्य

06 जून 2020

कैबिनेट ने आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव को दी मंजूरी, बहुत जरुरी होने पर ही लगेगी स्टॉक लिमिट

आर एस राणा
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव को मंजूरी दे दी गई, यानी 65 साल से चला आ रहा यह अधिनियम अब बदला जाएगा। किसान अपनी मर्जी से कहीं भी अपनी जिंस बेच सकेगा तथा आवश्यक वस्तुओं खाद्य तेल, दलहन, आलू और प्याज तथा चीनी आदि पर बहुत जरुरी होने पर ही स्टॉक लिमिट लगाई जायेगी।
कैबिनेट ने कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को भी अनुमति दे दी। यह अध्यादेश कृषि उपज में बाधा मुक्त व्यापार सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही सरकार ने मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश पर किसानों का (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 को भी अनुमति दी। इससे  प्रोसेसर, एग्रीगेटर, थोक व्यापारी, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ जुड़ने के लिए किसानों को सशक्त बनाया जा सकेगा।
केवल अतिआवश्यक परिस्थितियों में ही स्टॉक लिमिट लगाई जायेगी
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव से किसान और व्यापारियों को कृषि उपज बेचने और खरीदने की छूट मिलेगी। उन्होंने बताया कि आवश्यक वस्तुओं अनाज, खाद्य तेल, दलहन, चीनी तथा आलू एवं प्याज आदि पर स्टॉक लिमिट को समाप्त कर दिया गया है, केवल अतिआवश्यक परिस्थितियों में ही स्टॉक लिमिट लगाई जायेगी। उन्होंने कहा कि यह फैसला कृषि क्षेत्र में बदलाव करते हुए देश के किसानों की मदद करने में एक लंबा रास्ता तय करेगा। तोमर ने कहा कि कैबिनेट ने कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को भी अनुमति दे दी। यह अध्यादेश कृषि उपज में बाधा मुक्त व्यापार सुनिश्चित करेगा। इसके साथ ही सरकार ने मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा अध्यादेश पर किसानों का (सशक्तिकरण और संरक्षण) समझौता अधिनियम, 2020 को भी अनुमति दी। इससे  प्रोसेसर, एग्रीगेटर, थोक व्यापारी, बड़े खुदरा विक्रेताओं और निर्यातकों के साथ जुड़ने के लिए किसानों को सशक्त बनाया जा सके।
?किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा
केद्रीय मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि हमने आवश्यक वस्तु अधिनियम में किसानों के अनुकूल संशोधन किए हैं। किसानों के हितों को देखते हुए आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव को मंजूरी दी है। अब किसान सीधे अपनी फसलें बेच सकेंगे तथा देश में किसानों के लिए एक देश एक बाजार होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की यह मांग 50 सालों से थी जो आज पूरी हो गई। उन्होंने कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए कहा कि अब किसानों को अपना उत्पाद ज्यादा दाम देने वालों को बेचने की आजादी मिल गई है। कोई निर्यातक प्रोसेसर है, तो उसको कृषि उपज दोनों के आपसी समझौते के तहत बेचने की सुविधा मिली है, जिससे सप्लाई चेन खड़ी होगी। भारत में पहली बार ऐसा किया गया है।.............  आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: