आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को मक्का समर्थन मूल्य से 650 से 750 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने पांच लाख टन मक्का रियायती दरों पर आयात करने की अनुमति उद्योग को दे दी। उत्पादक मंडियों में रबी के साथ ही साठी मक्का की आवक बनी हुई है, जबकि सितंबर में खरीफ की नई फसल की आवक बनेगी, जिससे कीमतों में तेजी की उम्मीद भी नहीं है।
केंद्र सरकारी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत 15 फीसदी पोल्ट्री और स्टार्च मिलों को पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी गई है। वैसे मक्का के आयात पर 60 फीसदी का आयात शुल्क है। मक्का कारोबारी राजेश गुप्ता ने बताया कि बिहार की मंडियों में मक्का के भाव 1,100 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में भाव 1,150 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हैं। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूूल्य (एमएसपी) 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उन्होंने बताया कि इस समय बिहार में रबी मक्का की आवक हो रही है जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में साठी मक्का आ रही है। सितंबर में खरीफ मक्का की नई फसल आयेगी, तथा खरीफ में मक्का का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
विश्व बाजार में कीमतें उंची, आयात की संभावना नहीं
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि टैरिफ रेट कोटा के आधार पर 15 फीसदी की रियायती दरों पर पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति सरकार की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस समय घरेलू बाजार में मक्का के दाम काफी नीचे बने हुए हैं, तथा आगे नई फसल की आवक बनेगी इसलिए मक्का आयात के पड़ते ही नहीं लगेंगे। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 182 डॉलर प्रति टन है, जोकि भारतीय बंदरगाह पहुंच 210 से 212 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) होंगे। इन भाव में कोई आयात करेगा ही नहीं।
मांग में आई कमी के कारण पंजाब और हरियाणा में हजारों पोल्ट्री फार्म
मक्का कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण चीकन और अंडे की मांग में आई कमी के कारण पंजाब और हरियाणा में हजारों पोल्ट्री फार्म बंद हो गए हैं, जबकि जो चल भी रहे हैं उनमें उत्पादन 25 से 30 फीसदी का ही हो रहा है। इसी का असर मक्का की मांग पर भी पड़ा है। पंजाब एवं हरियाणा पहुंच मक्का के सौदे 1,350 से 1,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं जबकि जुलाई 2019 में 2,100 से 2,150 रुपये प्रति क्विंटल का भाव था। केंद्र सरकार ने पिछले साल भी पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी थी, उस समय घरेलू बाजार में भाव उंचे थे, जिस कारण करीब तीन लाख टन मक्का का आयात हुआ था।
मक्का की शुरूआती बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में मक्का की शुरुआती बुआई बढ़कर 10.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5.25 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। खरीफ सीजन में सामान्यत: 74.68 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुआई होती है। मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 289.8 लाख टन होने का अनुमान है।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। किसानों को मक्का समर्थन मूल्य से 650 से 750 रुपये प्रति क्विंटल तक नीचे दाम पर बेचनी पड़ रही है, इसके बावजूद भी केंद्र सरकार ने पांच लाख टन मक्का रियायती दरों पर आयात करने की अनुमति उद्योग को दे दी। उत्पादक मंडियों में रबी के साथ ही साठी मक्का की आवक बनी हुई है, जबकि सितंबर में खरीफ की नई फसल की आवक बनेगी, जिससे कीमतों में तेजी की उम्मीद भी नहीं है।
केंद्र सरकारी द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार टैरिफ रेट कोटा (टीआरक्यू) के तहत 15 फीसदी पोल्ट्री और स्टार्च मिलों को पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी गई है। वैसे मक्का के आयात पर 60 फीसदी का आयात शुल्क है। मक्का कारोबारी राजेश गुप्ता ने बताया कि बिहार की मंडियों में मक्का के भाव 1,100 से 1,150 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि उत्तर प्रदेश की मंडियों में भाव 1,150 से 1,200 रुपये प्रति क्विंटल हैं। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2020-21 के लिए मक्का का न्यूनतम समर्थन मूूल्य (एमएसपी) 1,850 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। उन्होंने बताया कि इस समय बिहार में रबी मक्का की आवक हो रही है जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में साठी मक्का आ रही है। सितंबर में खरीफ मक्का की नई फसल आयेगी, तथा खरीफ में मक्का का उत्पादन ज्यादा होने का अनुमान है इसलिए कीमतों में तेजी की संभावना भी नहीं है।
विश्व बाजार में कीमतें उंची, आयात की संभावना नहीं
यूएस ग्रेन काउंसिल में भारतीय प्रतिनिधि अमित सचदेव ने बताया कि टैरिफ रेट कोटा के आधार पर 15 फीसदी की रियायती दरों पर पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति सरकार की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस समय घरेलू बाजार में मक्का के दाम काफी नीचे बने हुए हैं, तथा आगे नई फसल की आवक बनेगी इसलिए मक्का आयात के पड़ते ही नहीं लगेंगे। उन्होंने बताया कि यूक्रेन में मक्का के भाव 180 से 182 डॉलर प्रति टन है, जोकि भारतीय बंदरगाह पहुंच 210 से 212 डॉलर प्रति टन (सीएंडएफ) होंगे। इन भाव में कोई आयात करेगा ही नहीं।
मांग में आई कमी के कारण पंजाब और हरियाणा में हजारों पोल्ट्री फार्म
मक्का कारोबारी कमलेश जैन ने बताया कि कोरोना वायरस के कारण चीकन और अंडे की मांग में आई कमी के कारण पंजाब और हरियाणा में हजारों पोल्ट्री फार्म बंद हो गए हैं, जबकि जो चल भी रहे हैं उनमें उत्पादन 25 से 30 फीसदी का ही हो रहा है। इसी का असर मक्का की मांग पर भी पड़ा है। पंजाब एवं हरियाणा पहुंच मक्का के सौदे 1,350 से 1,400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो रहे हैं जबकि जुलाई 2019 में 2,100 से 2,150 रुपये प्रति क्विंटल का भाव था। केंद्र सरकार ने पिछले साल भी पांच लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी थी, उस समय घरेलू बाजार में भाव उंचे थे, जिस कारण करीब तीन लाख टन मक्का का आयात हुआ था।
मक्का की शुरूआती बुआई बढ़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में मक्का की शुरुआती बुआई बढ़कर 10.43 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक केवल 5.25 लाख हेक्टेयर में ही मक्का की बुआई हो पाई थी। खरीफ सीजन में सामान्यत: 74.68 लाख हेक्टेयर में मक्का की बुआई होती है। मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2019-20 में मक्का का उत्पादन 289.8 लाख टन होने का अनुमान है।......... आर एस राणा
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