आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया भुगतान को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही चीनी उद्योग के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। राहत पैकेज के तहत बफर स्टॉक पर सब्सिडी के साथ ही निर्यात पर सब्सिडी देने के अलावा चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी संभव है।
पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गन्ना बकाया की स्थिति की समीक्षा के समय खाद्य सचिव को निर्देश दिया कि वे बकाया को कैसे कम किया जाये इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में गन्ने के बकाया को कम करने के लिए एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी करने के साथ ही बफर स्टॉक और निर्यात पर सब्सिडी जारी रखने की बात कही गई है। साथ ही इसमें सॉफ्ट लोन को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव भी है।
चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में 200 रुपये की बढ़ोतरी संभव
इस समय केंद्र सरकार ने चीनी का एमएसपी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है इसमें अगर 200 रुपये की बढ़ोतरी की जा जाती है तो चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा, मतलब एमएसपी से नीचे चीनी की बिक्री नहीं होगी जिससे चीनी मिलों को फायदा होगा। नीति आयोग द्वारा गठित टास्कफोर्स ने भी एमएसपी में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
मिलों को सॉफ्ट लोन के साथ ही निर्यात और बफर स्टॉक पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव
चीनी मिलों के लिए सॉफ्ट लोन को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार सॉफ्ट लोन के तहत 7 फीसदी के सस्ते ब्याज पर कर्ज चीनी मिलों को मिलता है। इसके साथ ही चीनी निर्यात पर सब्सिडी को भी एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। चीनी के निर्यात पर चालू पेराई सीजन 2019-20 के लिए केंद्र सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से चीनी मिलों को सब्सिडी दे रही है, इसके तहत 60 लाख टन चीनी के निर्यात का कोटा तय कर रखा है, जिसमें से अभी तक 48 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे और 43 लाख टन की शिपमेंट हो चुकी है जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में केवल 37 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ था। चीनी के बफर स्टॉक पर सब्सिडी देने का भी प्रस्ताव है। बफर स्टॉक की चीनी पर 13.5 फीसदी सब्सिडी केंद्र सरकार दे रही है तथा 40 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक की मात्रा तय कर रखी है।
चालू पेराई सीजन में चीनी उत्पादन में आई कमी
पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले आठ महीने, 31 मई 2020 तक चीनी के उत्पादन में 18.11 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 268.21 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 327.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। चालू पेराई सीजन के अंत तक कुल 270 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है।............... आर एस राणा
नई दिल्ली। गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया भुगतान को देखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही चीनी उद्योग के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर सकती है। राहत पैकेज के तहत बफर स्टॉक पर सब्सिडी के साथ ही निर्यात पर सब्सिडी देने के अलावा चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य (एमएसपी) में 200 रुपये प्रति क्विंटल तक की बढ़ोतरी संभव है।
पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 (अक्टूबर से सितंबर) के दौरान चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 22,000 करोड़ रुपये पहुंच गया है। केंद्रीय खाद्य व उपभोक्ता मामले मंत्री रामविलास पासवान ने हाल ही में मंत्रालय के अधिकारियों के साथ गन्ना बकाया की स्थिति की समीक्षा के समय खाद्य सचिव को निर्देश दिया कि वे बकाया को कैसे कम किया जाये इस पर रिपोर्ट प्रस्तुत करें। सूत्रों के अनुसार रिपोर्ट में गन्ने के बकाया को कम करने के लिए एमएसपी में 200 रुपये की बढ़ोतरी करने के साथ ही बफर स्टॉक और निर्यात पर सब्सिडी जारी रखने की बात कही गई है। साथ ही इसमें सॉफ्ट लोन को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव भी है।
चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में 200 रुपये की बढ़ोतरी संभव
इस समय केंद्र सरकार ने चीनी का एमएसपी 3,100 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है इसमें अगर 200 रुपये की बढ़ोतरी की जा जाती है तो चीनी का न्यूनतम बिक्री भाव 3,300 रुपये प्रति क्विंटल हो जायेगा, मतलब एमएसपी से नीचे चीनी की बिक्री नहीं होगी जिससे चीनी मिलों को फायदा होगा। नीति आयोग द्वारा गठित टास्कफोर्स ने भी एमएसपी में 200 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी की सिफारिश की थी।
मिलों को सॉफ्ट लोन के साथ ही निर्यात और बफर स्टॉक पर सब्सिडी देने का प्रस्ताव
चीनी मिलों के लिए सॉफ्ट लोन को एक साल और बढ़ाने का प्रस्ताव है। सूत्रों के अनुसार सॉफ्ट लोन के तहत 7 फीसदी के सस्ते ब्याज पर कर्ज चीनी मिलों को मिलता है। इसके साथ ही चीनी निर्यात पर सब्सिडी को भी एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है। चीनी के निर्यात पर चालू पेराई सीजन 2019-20 के लिए केंद्र सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से चीनी मिलों को सब्सिडी दे रही है, इसके तहत 60 लाख टन चीनी के निर्यात का कोटा तय कर रखा है, जिसमें से अभी तक 48 लाख टन चीनी के निर्यात सौदे और 43 लाख टन की शिपमेंट हो चुकी है जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में केवल 37 लाख टन चीनी का ही निर्यात हुआ था। चीनी के बफर स्टॉक पर सब्सिडी देने का भी प्रस्ताव है। बफर स्टॉक की चीनी पर 13.5 फीसदी सब्सिडी केंद्र सरकार दे रही है तथा 40 लाख टन चीनी के बफर स्टॉक की मात्रा तय कर रखी है।
चालू पेराई सीजन में चीनी उत्पादन में आई कमी
पहली अक्टूबर 2019 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2019-20 के पहले आठ महीने, 31 मई 2020 तक चीनी के उत्पादन में 18.11 फीसदी की कमी आई है। इस दौरान कुल 268.21 लाख टन का ही उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 327.53 लाख टन चीनी का उत्पादन हो चुका था। चालू पेराई सीजन के अंत तक कुल 270 लाख टन चीनी के उत्पादन का अनुमान है।............... आर एस राणा
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