आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को भूखे पेट पलायन को मजबूर होना पड़ा। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को खाना देने के लिए मई-जून के लिए खाद्यान्न का आवंटन तो किया, इसमें इस खाद्यान्न के उठाव में राज्यों की दिलचस्पी कम रही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत कुल आवंटित अनाज एवं दालों का उठाव राज्य क्रमश: 79.81 और 57.49 फीसदी कर चुके हैं लेकिन प्रवासियों के लिए खाद्यान्न के कुल आवंटन का केवल 25.75 फीसदी अनाज ही राज्यों ने अभी तक उठाया है।
उभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रवासियों मजदूरों के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को मई और जून के लिए आठ लाख टन खाद्यान्न (2.44 लाख टन गेहूं और 5.56 लाख टन चावल) का आवंटन कर चुकी है जिसमें से 27 मई तक राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने केवल 2.06 लाख टन खाद्यान्न ही उठाया है। अत: इस योजना के तहत कुल आवंटन का मात्र 25.75 फीसदी अनाज ही राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक उठाया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, मई-जून के दौरान प्रत्येक प्रवासी मजदूर को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जाना है। इस योजना के तहत केवल तीन राज्यों एवं केंद्र प्रदेशों अंडमान एवं निकोबार, आंध्रप्रदेश एवं लक्षद्वीप ने ही पूरे दो महीनों के लिए आवंटन का उठाव किया है।
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमजीकेएवाई योजना के तहत 95.80 लाख टन खाद्यान्न उठाया
उन्होंने बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत केंद्र सरकार ने अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 120.04 लाख टन खाद्यान्न (15.65 लाख टन गेहूं और 104.4 लाख टन चावल) का आवंटन किया है। इसमें से 27 मई तक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने 95.80 लाख टन खाद्यान्न (15.6 लाख टन गेहूं और 83.38 लाख टन चावल) का उठाव किया है। उन्होंने बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुल आवंटन का 79.81 फीसदी अनाज उठा चुके है। पीएमजीकेएवाई योजना के तहत अप्रैल, मई और जून की अवधि में प्रति माह, प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जा रहा है।
राज्यों को 5.88 लाख टन दालों का हो चुका है आवंटन, 3.88 लाख टन उठा चुके हैं राज्य
उन्होनें बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 20 करोड़ परिवारों को तीन महीनें तक एक किलो दाल प्रति परिवार, प्रति महीना फ्री में आवंटित की जा रही हैं इसके तहत 24 मई तक केंद्र सरकार 5.88 लाख टन दालों का आवंटन कर चुकी है, तथा 4.44 लाख टन दालें राज्यों को भेजी भी जा चुकी है, जिसमें से राज्य सरकारों ने 3.38 लाख टन का उठाव किया है। पीएमजीएवाई के तहत देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थी परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और प्रत्येक राशन कार्ड पर एक किलो दाल मुफ्त अप्रैल से जून तक देने का प्रावधान किया है
एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को 886 टन गेहूं एवं 7,778 टन चावल का आवंटन किया गया
भारतीय खाद्य निगम के अनुसार राहत केन्द्र एवं लंगर चला रहे एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को लॉकडाउन की अवधि के दौरान अब तक 21 रुपये प्रति किलो की दर से 886 टन गेहूं व 22 रुपये प्रति किलो की दर से 7,778 टन चावल दिया गया है। एफसीआई के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने बगैर ई-नीलामी के खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 11,800 टन चावल देने का अनुरोध किया है, लेकिन ओडिशा सरकार द्वारा अभी तक खाद्यान्न की कोई जरुरत नहीं बताई गई है।... आर एस राणा
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण देशभर में चल रहे लॉकडाउन के कारण प्रवासी मजदूरों को भूखे पेट पलायन को मजबूर होना पड़ा। इसे देखते हुए केंद्र सरकार ने प्रवासी मजदूरों को खाना देने के लिए मई-जून के लिए खाद्यान्न का आवंटन तो किया, इसमें इस खाद्यान्न के उठाव में राज्यों की दिलचस्पी कम रही। प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) के तहत कुल आवंटित अनाज एवं दालों का उठाव राज्य क्रमश: 79.81 और 57.49 फीसदी कर चुके हैं लेकिन प्रवासियों के लिए खाद्यान्न के कुल आवंटन का केवल 25.75 फीसदी अनाज ही राज्यों ने अभी तक उठाया है।
उभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रवासियों मजदूरों के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज योजना के तहत केंद्र सरकार राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों को मई और जून के लिए आठ लाख टन खाद्यान्न (2.44 लाख टन गेहूं और 5.56 लाख टन चावल) का आवंटन कर चुकी है जिसमें से 27 मई तक राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने केवल 2.06 लाख टन खाद्यान्न ही उठाया है। अत: इस योजना के तहत कुल आवंटन का मात्र 25.75 फीसदी अनाज ही राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने अभी तक उठाया है। उन्होंने बताया कि इस योजना के तहत, मई-जून के दौरान प्रत्येक प्रवासी मजदूर को प्रति माह पांच किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जाना है। इस योजना के तहत केवल तीन राज्यों एवं केंद्र प्रदेशों अंडमान एवं निकोबार, आंध्रप्रदेश एवं लक्षद्वीप ने ही पूरे दो महीनों के लिए आवंटन का उठाव किया है।
राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने पीएमजीकेएवाई योजना के तहत 95.80 लाख टन खाद्यान्न उठाया
उन्होंने बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत केंद्र सरकार ने अप्रैल, मई और जून 2020 के लिए राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को 120.04 लाख टन खाद्यान्न (15.65 लाख टन गेहूं और 104.4 लाख टन चावल) का आवंटन किया है। इसमें से 27 मई तक, राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों ने 95.80 लाख टन खाद्यान्न (15.6 लाख टन गेहूं और 83.38 लाख टन चावल) का उठाव किया है। उन्होंने बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेश कुल आवंटन का 79.81 फीसदी अनाज उठा चुके है। पीएमजीकेएवाई योजना के तहत अप्रैल, मई और जून की अवधि में प्रति माह, प्रति व्यक्ति 5 किलोग्राम खाद्यान्न मुफ्त में वितरित किया जा रहा है।
राज्यों को 5.88 लाख टन दालों का हो चुका है आवंटन, 3.88 लाख टन उठा चुके हैं राज्य
उन्होनें बताया कि पीएमजीकेएवाई योजना के तहत राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) के लगभग 20 करोड़ परिवारों को तीन महीनें तक एक किलो दाल प्रति परिवार, प्रति महीना फ्री में आवंटित की जा रही हैं इसके तहत 24 मई तक केंद्र सरकार 5.88 लाख टन दालों का आवंटन कर चुकी है, तथा 4.44 लाख टन दालें राज्यों को भेजी भी जा चुकी है, जिसमें से राज्य सरकारों ने 3.38 लाख टन का उठाव किया है। पीएमजीएवाई के तहत देश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के लाभार्थी परिवार को हर महीने पांच किलो गेहूं या चावल और प्रत्येक राशन कार्ड पर एक किलो दाल मुफ्त अप्रैल से जून तक देने का प्रावधान किया है
एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को 886 टन गेहूं एवं 7,778 टन चावल का आवंटन किया गया
भारतीय खाद्य निगम के अनुसार राहत केन्द्र एवं लंगर चला रहे एनजीओ व स्वयंसेवी संस्थाओं को लॉकडाउन की अवधि के दौरान अब तक 21 रुपये प्रति किलो की दर से 886 टन गेहूं व 22 रुपये प्रति किलो की दर से 7,778 टन चावल दिया गया है। एफसीआई के अनुसार पश्चिम बंगाल सरकार ने बगैर ई-नीलामी के खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 11,800 टन चावल देने का अनुरोध किया है, लेकिन ओडिशा सरकार द्वारा अभी तक खाद्यान्न की कोई जरुरत नहीं बताई गई है।... आर एस राणा
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