आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 305 लाख टन होने का अनुमान है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 में 22 जून तक 270.25 लाख टन का उत्पादन हो चुका है तथा सितंबर अंत तक कुल 272 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।
इस्मा के अनुसार सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन आगामी पेराई सीजन में 123.06 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 126.45 लाख टन से कम रहेगा। महाराष्ट्र में पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 101.34 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 61.61 लाख टन से 39.73 लाख टन ज्यादा है। चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ था, जिस कारण चीनी उत्पादन में कमी आई थी।
कर्नाटक में चीनी का उत्पादन अनुमान ज्यादा, तमिलनाडु में कम
कर्नाटक में आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 43.13 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 34.20 लाख टन से ज्यादा है। हालांकि तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन अगले पेराई सीजन में घटकर 7.51 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि चालू पेराई सीजन में राज्य में 7.80 लाख टन का उत्पादन हुआ है। गुजरात में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन के 9.32 लाख टन से बढ़कर आगामी पेराई सीजन में 10.81 लाख टन होने का अनुमान है। अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन में 34.28 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 32.86 लाख टन से ज्यादा है।
चालू पेराई सीजन में 52 लाख टन के निर्यात का अनुमान
इस्मा के अनुसार पहली अक्टूबर 2020 को शुरू होने वाले पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक 115 लाख टन बचने का अनुमान है जोकि पहली अक्टूबर 2019 के 145 लाख टन से कम है। चालू पेराई सीजन में करीब 52 लाख टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है, तथा घरेलू खपत सालाना 250 लाख टन की रही है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए 60 लाख टन चीनी का निर्यात का कोटा तय रखा है, तथा निर्यात पर मिलों को सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दे रही है। मार्च में कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग कम हो गई थी, लेकिन मई के बाद से चीनी की मांग में सुधार आया है।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2020-21 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान देश में चीनी का उत्पादन 305 लाख टन होने का अनुमान है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2019-20 में 22 जून तक 270.25 लाख टन का उत्पादन हो चुका है तथा सितंबर अंत तक कुल 272 लाख टन चीनी का उत्पादन होने का अनुमान है।
इस्मा के अनुसार सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन आगामी पेराई सीजन में 123.06 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 126.45 लाख टन से कम रहेगा। महाराष्ट्र में पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 101.34 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 61.61 लाख टन से 39.73 लाख टन ज्यादा है। चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र में सूखे और बाढ़ से गन्ने की फसल को भारी नुकसान हुआ था, जिस कारण चीनी उत्पादन में कमी आई थी।
कर्नाटक में चीनी का उत्पादन अनुमान ज्यादा, तमिलनाडु में कम
कर्नाटक में आगामी पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़कर 43.13 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 34.20 लाख टन से ज्यादा है। हालांकि तमिलनाडु में चीनी का उत्पादन अगले पेराई सीजन में घटकर 7.51 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि चालू पेराई सीजन में राज्य में 7.80 लाख टन का उत्पादन हुआ है। गुजरात में चीनी का उत्पादन चालू पेराई सीजन के 9.32 लाख टन से बढ़कर आगामी पेराई सीजन में 10.81 लाख टन होने का अनुमान है। अन्य राज्यों में चीनी का उत्पादन पहली अक्टूबर 2020 से शुरू होने वाले पेराई सीजन में 34.28 लाख टन होने का अनुमान है जोकि चालू पेराई सीजन के 32.86 लाख टन से ज्यादा है।
चालू पेराई सीजन में 52 लाख टन के निर्यात का अनुमान
इस्मा के अनुसार पहली अक्टूबर 2020 को शुरू होने वाले पेराई सीजन के समय चीनी का बकाया स्टॉक 115 लाख टन बचने का अनुमान है जोकि पहली अक्टूबर 2019 के 145 लाख टन से कम है। चालू पेराई सीजन में करीब 52 लाख टन चीनी का निर्यात होने का अनुमान है, तथा घरेलू खपत सालाना 250 लाख टन की रही है। केंद्र सरकार ने चालू पेराई सीजन के लिए 60 लाख टन चीनी का निर्यात का कोटा तय रखा है, तथा निर्यात पर मिलों को सरकार 10,448 रुपये प्रति टन की दर से सब्सिडी दे रही है। मार्च में कोरोना वायरस के कारण देशभर में हुए लॉकडाउन के कारण चीनी की घरेलू मांग कम हो गई थी, लेकिन मई के बाद से चीनी की मांग में सुधार आया है।............. आर एस राणा
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